सुशांत सिंह राजपूत की मौत के मामले में सीबीआई की एंट्री हो चुकीहै। एक तरफ जहां सुशांत सिंह राजपूत मौत मामले में सीबीआई ने तेजी दिखाते हुए जांच की शुरुआत के पहले दिन ही मुंबई पुलिस से इस केस से जुड़े सभी दस्तावेज ले लिए हैं। अब दूसरे दिन सीबीआई इस केस की तहकीकात में सुशांत के बांद्रा स्थित घर पर पहुंच गई हैं जहां दिवंगत अभिनेता ने 14 जून को मौत हुई थी। यहां पहुंचने के बाद सीबीआई सुशांत के कथित आत्महत्या की जांच को आगे बढ़ाते हुए क्राइम सीन को रीक्रिएट कर रही है। इस बीच उस चाबी वाले का बयान सामने आ चुका गया है। जिसे सुशांत के एसिस्टेंट सिद्धार्थ पिठानी ने मौत वाले दिन घर बुलाकर ताला तोड़ने के लिए बोला था। एक रिपोर्ट के अनुसार इस चाबी वाले का नाम रफीक है। रफीक ने 14 जून के दिन के बारे में बताया, ‘मुझे 1 बजे फोन आया था। मुझसे कहा गया था कि अंदर कोई सो रहा है, फोन नहीं उठा रहा है और न ही दरवाजा खोल रहा है। हम बहुत देर से खटखटा रहे हैं। मैंने पूछा कि पता क्या है और मुझे ताले का फोटो खींच के दे दो तो मैं ताला और टूल्स लेता आउंगा। उन्होंने मुझे एड्रेस बताया और फोटो खींचकर भी भेजा।’
जब रफीक से पूछा गया कि उन्हें सुशांत सिंह राजपूत के घर पहुंचने में कितना समय लगा। तो उसने कहा लगभग 15 मिनट। साथ ही बताया, ‘घर 6 माले पर था। मैं गया तो वॉचमैन बिजी था। वॉचमैन ने पूछा क्या काम है तो मैंने बताया कि घर पर बेडरुम का लॉक तोड़ना है। वॉचमैन ने कहा कि फिर तो उसी घर पर जाना है बहुत अर्जेंट भी बुला रहे थे। ठीक है जाओ तो मैं चला गया।’
इसके बाद रफीक ने बताया, ‘ऊपर पहुंचा तो पहले लॉक को खोलने का प्रयास करने लगा। तो वो लोग बोले इसे जल्दी खोलना है। तो मैंने कहा कि फिर तो इसे तोड़ना ही पड़ेगा। तो वो बोले हां तोड़ दो जल्दी तोड़ दो। मगर कहा कि अंदर से हल्की सी भी आवाज हो या दरवाजा खुल रहा हो तो छोड़ देना’ इसके आगे जब रफीक से वहां मौजूद लोगों को देखकर किसी प्रकार का शक होने की बात पूछी तो वो बोला, ‘नहीं शक तो नहीं हो रहा था मैं तो अपना काम कर रहा था। मैंने सोचा अंदर कोई बुजुर्ग होगा। क्योंकि मुझे नहीं बताया गया था कि अंदर कौन है। 60-70 साल के होंगे। यदि मुझे पता होता कमरे के अंदर सुशांत सिंह राजपूत हैं और मुझे शक होता तो पहले कहता कि पुलिस को बुलाकर लाओ।’
चाबी वाले ने बताया कि ये ताला इलेक्ट्रॉनिक था जो बिना चाबी के लॉक नहीं हो सकता था। जबकि सुशांत के पुराने स्टाफ ने दावा किया है कि वो कमरा बिना बंद किए ही सोते थे। ऐसे में चाबी वाला का ये बयान कई और सवाल खड़ा कर रहा है। इसके अलावा चाबी वाले ने बताया कि जब उसने ताला तोड़ दिया तो दरवाजा उसके सामने खोला नहीं गया और उसे पैसे देकर वहां से विदा कर दिया गया था।
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