कभी—कभी हद से ज्यादा बचाना व बर्दाश्त करना हानिकारक हो जाता है। बचाव की मुद्रा के चलते हर कोई भारत को आंख दिखाने की कोशिश करता रहता है। पड़ोसी मुल्क चीन व पाकिस्तान भारत में घुसपैठ करने की लगातार हिमाकत करते रहते हैं। लेकिन हाल के वर्षों में भारत ने भी इनको इन्हीं की भाषा में जवाब देने का मन बना लिया है। इसी का नतीजा है कि लद्दाख में चीनी सैनिकों की घुसपैठ को रोकने के लिए भारतीय सेना हर स्तर की कार्रवाई करने को तैयार है। दक्षिण पैंगॉन्ग झील में चीन और भारत की सेनाओं के बीच हुई झड़प के बाद दोनों देशों के बीच तनाव एक बार फिर चरम पर आ गया है। इस बार भारतीय सेना ने जहां चीन के हमले को विफल कर दिया है, वहीं चीन का आरोप है कि भारतीय सेना ने वास्तविक नियंत्रण रेखा पार की। एक आधिकारिक सूत्र के हवाले से एक अंग्रेजी अखबार ‘द टेलिग्राफ’ ने दावा किया है कि चीन के एक मिलिट्री पोस्ट पर भारतीय सेना ने कब्जा जमा लिया है।
अखबार के अनुसार चीन की पीपल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) ने कथित तौर पर भारतीय क्षेत्र में कब्जा करने की कोशिश की थी। आधिकारिक सूत्र के हवाले से टेलिग्राफ ने लिखा है कि चीन के हमले के जवाब में कार्रवाई करते हुए स्पेशल ऑपरेशन्स बटालियन ने पैंगॉन्ग झील के पास पहाड़ी पर एक चीनी कैंप को अपने कब्जे में ले लिया है। यह भी दावा किया है कि हालात और तनावपूर्ण होता नजर आ रहा है। भारतीय सेना ने इस बार आक्रामकता के साथ चीनी सेना को पीछे हटाकर और चुशुल गांव के पास क्षेत्र पर अपना कब्जा जमा लिया है।
दोनों देशों के सैनिकों के बीच टकराव के बाद चीन की मीडिया भी आक्रामक हो गई है। चीन की सरकारी मीडिया ग्लोबल टाइम्स ने पीएलए के पश्चिमी कमान के हवाले से भारतीय सेना पर आरोप लगाते हुए कहा कि भारतीय सेना ऐसा करके दोनों देशों के बीच जारी बातचीत में बनी सहमति को तोड़ा है। भारतीय सेना की तरफ से जानबूझकर वास्तविक नियंत्रण रेखा को पार किया गया और उकसावे की कार्रवाई की। चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता झाओ लिजिन ने कहा है कि हमारे सैनिक कड़ाई से वास्तविक नियंत्रण रेखा का पालन करते हैं। वे कभी एलएसी को पार करने की कोशिश नहीं करते। फिलहाल दोनों ही तरफ की सेनाएं स्थिति को सामन्य किए जाने को लेकर बातचीत कर रही हैं।
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