कोरोना वायरस के मामले पूरी दुनिया में बढ़ते ही जा रहे हैं, कोरोना ने जिस भी देश में कदम रखा उसे बर्बाद करने में कोई कमी नहीं छोड़ी। आर्थिक नुकसान तो पूरी दुनिया को वायरस की वजह से उठाना पड़ ही रहा है वहीं ये संक्रमण अब तक करीब 9 लाख 17 हज़ार लोगों की जान ले चुका है। इसकी गिरफ्त में अब तक लगभग 2 करोड़ 85 लाख 47 हज़ार लोग आ चुके हैं। इस वायरस को मानव निर्मित शुरू से कहा जा रहा है और इसे चीन का वायरस कहा जाता है। चीन भले इस दावा करे कि कोरोना मानव निर्मित नहीं है उसके यहां ये वायरस नहीं बना है लेकिन कई देशों का मानना है कि इस वायरस को चीन ने ही बनाया है। चीनी वायरस कोरोना की वजह से अमेरिका, यूके सहित यूरोप के कई देशों को काफी ज्यादा नुकसान हुआ। अमेरिका शुरू से कोरोना को चीनी वायरस कहता चला आ रहा है।
इस ही आरोप को अब एक चीनी महिला वीरोलॉजिस्ट लि-मेंग यान ने सही ठहराया है। उनका कहना है कि इसके पास ऐसे कई सबूत है जो काफी है यह बताने के लिए की कोरोना वायरस मानव निर्मित है। जिसके साक्ष्य वो जल्द दुनिया के सामने रखेगी। उनका कहना है कि चीन संक्रमण को लेकर अभी काफी कुछ छुपा रहा है। लि-मेंग यान का कहना है कि इस बात का दावा किया जा रहा है कि कोरोना वुहान के मीट मार्केट से आया है लेकिन ये सच नहीं है क्योंकि यह मीट बाजार एक स्मोक स्क्रीन है। वहीं यह संक्रमण प्राकृतिक नहीं है।
लि-मेंग यान का साफ़ कहना है कि इस वायरस को वुहान की एक लेब में तैयार किया गया है। इसका जीनोम अनुक्रम मानव फिंगर प्रिंट की तरह है इसे वो साबित भी कर देंगी। उन्होंने बताया कि किसी भी संक्रमण में मानव फिंगर प्रिंट की मौजूदगी यह साबित करने के लिए काफी है कि इसे मानव द्वारा बनाया गया है। लि-मेंग का कहना है कि चीन की सरकार उन्हें झूठा साबित करने के लिए काफी कुछ कर रही है। लेकिन अब मैं पीछे नहीं हटूंगी।
No comments:
Post a Comment