बिहार में चुनाव के करीब आने के साथ ही सोशल मीडिया
पर गाली-गलौज की रफ्तार बढ़ गई है।
समय के साथ और भी बढ़ेगी।
इसका समाज पर बुरा असर पड़ेगा।
तनाव बढ़ेगा।
इसलिए शरीफ -शालीन लोगों को इस गाली- गलौज की क्राॅस फायरिंग से अलग ही रहना चाहिए।
क्योंकि सोशल मीडिया पर जिस तरह की गाली -गलौज होगी,उसका अनुकरण सरजमीन पर यानी गली-कूचे , हाट -बाजार में भी किया जाएगा।
इसलिए गाली -गलौज व अशिष्ट-अशालीन शब्दावली का इस्तेमाल करने वालों को अनफं्रेड करें।
कम से कम डिलीट तो तत्काल ही कर दें।
यदि कोई सीमा से बाहर जा रहा हो तो उसके खिलाफ पुलिस में शिकायत करें।
जो सोशल मीडिया को कचरा बनाने के जिम्मेदार होंगे, उन्हें अगली पीढ़ियां माफ नहीं करेगी।
मुझे आश्चर्य होता है कि कुछ नेता व अन्य लोग गाली-गलौज बर्दाश्त कर रहे हैं।
दरअसल इस तरह अनजाने में वे शालीन-शिष्ट समाज के विरोधी लोगों को बढ़ावा देने के दोषी माने जाएंगे।
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सोशल मीडिया उनके लिए बहुत बड़ा हथियार है जिन्हें मुख्य मीडिया में जगह नहीं मिलती या कम मिलती है।
इस हथियार का सदुपयोग करिएगा तो यह बचा रहेगा।
नहीं कीजिएगा तो एक बड़ा साधन एक न एक दिन आपके हाथों से छिन जाएगा।
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(वरिष्ठ पत्रकार सुरेन्द्र किशोर के फेसबुक वॉल से साभार, ये लेखक के निजी विचार हैं)
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