नई दिल्ली। चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (PLA) ने अरुणाचल प्रदेश के पांच युवकों को भारत के अधिकारियों के हवाले कर दिया है। वहीं इन पांच युवकों को छोड़ने से पहले चीन ने इन्हे जासूस बताकर काफी प्रचार किया। इन्हे भारतीय खुफिया विभाग (Indian Intelligence Department) का सदस्य बताया गया। चीन के मुखपत्र ग्लोबल टाइम्स ने अपनी एक खबर में दावा किया कि यह पांचों युवक भारतीय खुफिया विभाग के सदस्य हैं जो चरवाह बनकर चीन में घुसे थे। अपनी रिपोर्ट में ग्लोबल टाइम्स में कहा है कि दक्षिण तिब्बत में यह पांचों घुसे थे। जिन्हे भारत की तरफ से भेजा गया था जिनका मकसद खुफिया सूचना को इकट्ठा करना था। चीनी मुखपत्र ने इस बात का दावा भी किया है कि इन्हे हिरासत में लेकर चीन ने इन्हें सख्त चेतावनी देते हुए आगाह किया है। जिसके बाद इन पांचों को भारतीय सैनिकों को सौंप दिया है।
चीन भले ही अपना अलग एजेंडा चला रहा है कि भटके हुए युवकों को भारतीय एजेंट बनाकर अंतरराष्ट्रीय सुर्खिया बटोर ले लेकिन भारत इस तरह की हरकतों से दूर ही रहता है। इसका ताजा उदाहरण सिक्किम में देखने को मिला जब तीन चीनी नागरिक रास्ता भटक गए और भारतीय सीमा में घुस आए। इसके बाद भारतीय सेना के जवान उनके लिए दूत बनकर आए और उनका इलाज करने साथ उन्हें गर्म कपड़ों के साथ खाने के लिए भी खाना दिया।
गौरतलब है कि चार सितंबर के दिन अरुणाचल प्रदेश के सुबानसिरी जिले से पांच भारतीय जिनका नाम प्रसात रिंगलिंग, डोंग्टू इबिया, नगारु, तोच सिंगकम और तनु बाकर गलती से भारत की सीमा क्रॉस कर गए थे। जिन्हे बाद में चीनी सैनिकों ने अपनी हिरासत में ले लिया था। जिसके बाद भारत की तरफ से बने दबाव के बाद इन पांचों को वापस लौटा दिया गया है।
No comments:
Post a Comment