किसी भी लोकतांत्रिक देश में संसद भवन किसी देश की आत्मा के समान होता है, जहां पर देशहित से संबंधित सारे फैसले लिए जाते हैं। अगर कोई सरकार यह दल इस व्यवस्था पर कुठाराघात करें तो सीधा-सीधा उस देश की रूह पर हमला होता है। कल तक आतंंकवाद को वित्त पोषित करने वाला पाकिस्तान अब अपनी संसदीय व्यवस्थाओं को ही ध्वस्त करने पर अमादा हो चुका है। खासकर.. इमरान सरकार इस मामले में कुछ ज्यादा ही आगे निकल चुकी है। इस कड़ी में इमरान सरकार के काले राजों का पर्दाफाश किसी और ने नहीं बल्कि पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ की बेटी मरयम नवाज ने किया है।
मीडिया से मुखातिब होते हुए उन्होंने इमरान सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि देश में आज कल राजनीतिक फैसले सैन्य मुख्यालय पर होने लगे हैं, जबकि ऐसा गलत है। ऐसा नहीं होना चाहिए। राजनीतिक फैसलों के लिए संसद भवन है, न कि सैन्य मुख्यालय। बताते चले कि 46 वर्षीय मरयम संपत्ति से जुड़े विवाद के सिलसिले में सुप्रीम कोर्ट गई हुई थी। इस दौरान वे जब पत्रकारों से मुखातिब हुईं तो उन्होंने मौजूदा इमरान सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि सारे राजनैतिक फैसले संसद भवन में होने चाहिए, न की सैन्य मुख्यालय में। बता दें कि अभी हाल ही में एक बैठक हुई थी, जिसमें सेना प्रमुख जनरल कमर बाजवा (Army Chief Gen Qamar Bajwa), आईएसआई चीफ लेफ्टिनेंट जनरल फैज हमीद (Lt Gen Faiz Hameed) सहित कुछ चुनिंदा नेता शामिल थे।
बाल्टिस्तान और गिलगित का हुआ जिक्र
इस दौरान मरयम ने बाल्टिस्तान और गिलगित का जिक्र करते हुए कहा कि, जहां तक मुझे पता है कि गिलगित और बाल्टिस्तान पर चर्चा के लिए एक बैठक बुलाई गई। उन्होंने कहा कि गिलगित बाल्टिस्तान एक राजनीतिक मुद्दा है। इस पर चर्चा करने के लिए संसद भवन जाना चाहिए न की सैन्य मुख्यालय में।
क्या नवाज शरीफ को थी इसकी जानकारी?
वहीं, जब उनसे यह सवाल किया गया कि क्या नवाज शरीफ को इस बैठक के बारे में जानकारी थी, तो इस पर उन्होंने कहा कि मुझे इस बारे में जानकारी नहीं है कि क्या उन्हें जानकरी थी की नहीं। लेकिन हां… एक बात तो साफ है कि ऐसे मामलों में नेताओं को नहीं बुलाना चाहिए था.. और न ही नेताओं को वहां जाना चाहिए था।
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