काठमांडू। चीन की ‘विस्तारवादी नीति’ शिकार अब उसका ही खास दोस्त नेपाल बन गया है, चीन ने नेपाल की जमीन पर 11 इमरतों का निर्माण कर लिया है जिसके बारे में नेपाल को खबर तक नहीं लगी। इस बारे में जब जानकारी नेपाल की जनता को लगी तो आज वो सड़कों पर निकल आई और चीन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। चीन-नेपाल सीमा पर चीन द्वारा नेपाल की सीमा के अंदर किये गए अवैध कब्जे और निर्माण के विरोध में नेपाली छात्र संगठन के साथ मिलकर कई अन्य संगठनों ने राजधानी काठमांडू में मौजूद चीनी दूतावास के बाहर ‘गो बैक चाइना’ के जमकर नारे लगाए। इसके बाद मौके पर पहुंची पुलिस ने प्रदर्शनकारियों वहां से हटाया। बुधवार सुबह ही सैकड़ों की संख्या में छात्र और कई संगठनो सदस्य चीनी दूतावास पहुंचे ,जहां उन्होंने चीन की इस हरकत का विरोध किया।
इस प्रदर्शन का नेतृत्व अध्यक्ष शंकर हमाल ने किया। दूतावास के बाहर बैनर पोस्टर लेकर प्रदर्शन कर रहे लोग काफी नाराज नज़र आ रहे थे, उन्होंने चाइनीज साम्राज्य मुर्दाबाद, गो बैक चाइना और नेपाली भूमि वापस करो के नारे लगाए। इस प्रदर्शन की जानकारी पुलिस को पहले से नहीं थी, जब बड़ी संख्या में चीनी दूतावास के बाहर प्रदर्शन शुरू हो गया तो भारी संख्या में नेपाल पुलिसकर्मियों ने मौके पर मौजूद प्रदर्शन कर रहे लोगों को वहां से हटाया। चीन के द्वारा किए जा रहे कब्जे पर नेपाल के पीएम केपी शर्मा ओली की चुप्पी से देश की जनता काफी नाराज नजर आ रही है।
स्थानीय लोगों के इस गुस्से के बाद अब यह माना जा रहा है कि चीन और नेपाल के रिश्ते ख़राब हो सकते हैं। वहीं चीन सीमा क्षेत्रों में काफी पहले से ही सड़क बनाने का काम कर रहा था। इस दौरान चीन ने पहले पिलर गायब किए, जिसके बाद नेपाल की भूमि कब्जा कर चीन कई इमारतों का निर्माण कर लिया। नेपाल के अधिकारियों का कहना है जहां वर्ष 2005 में सिर्फ एक झोपड़ी थी वहां अब कई इमारतें हैं।
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