बिहार में विधानभा चुनाव होने है। ऐसे मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बिहार की जनता को 14 करोड़ की सौगात दी है दरअसल पीएम मोदी ने बिहार में विकास कार्यों को आगे बढ़ाते हुए वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए 9 हाईवे प्रोजेक्ट के साथ बिहार के करीब 46 हजार गावों को ऑप्टिकल फाइबर नेटवर्क से जोड़ने के लिए घर तक फाइबर योजना का उद्घाटन किया। इस दौरान पीएम मोदी ने बिहार की जनता के सामने कृषि बिल का भी जिक्र किया। पीएम मोदी ने कहा कि इस कृषि बिल से किसानों को नई आजादी मिलेगी। अब वे जहां चाहें अपनी फसल बेच सकते है लेकिन इस बिल के खिलाफ कई अफवाह फैलाई जा रही है। जिससे किसानों को सावधान रहना है। इसके साथ ही यहां पर पीएम मोदी ने एमएसपी का भी जिक्र किया।
खत्म नहीं होगी मंडियां
पीएम मोदी ने कहा कि, ‘मैं एक बात आज आपके सामने साफ कर देता हूं कि नए किसानों से न तो कृषि मंडियां खत्म होगी। ये कानून, ये बदलाव कृषि मंडियों के खिलाफ नहीं है। कृषि मंडियों में जैसे काम पहले होता था आने वाले समय में भी उसी तरह काम होगा। हमारी एनडीए की सरकार देश की कृषि मंडियों को लगातार आधुनिक बनाने की दिशा में काम कर रही है। हम कृषि मंडियों के कार्यालयों को ठीक करने के लिए निरंतर काम कर रहे है। वहां का कंप्यूटराइजेशन करवाया जा रहा है। जिसके लिए पिछले 5-6 साल से देश में बहुत बड़ा अभियान चल रहा है। इसलिए जो ये कह रहे हैं कि नए कृषि सुधारों के बाद कृषि मंडियां समाप्त हो जाएंगी, वो किसानों से सरासर झूठ बोल रहे हैं।’
MSP पर भ्रम फैला रहा हैं
इसके आगे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि, ‘बहुत पुरानी कहावत है कि संगठन में शक्ति होती है। आज के समय में हमारे देश में ऐसे कई किसान है जो सिर्फ थोड़ी- सी जमीन पर खेती करते है। जबकि क्षेत्र के ऐसे किसान अगर एक संगठन बनाकर यहीं करा करते है तो उनका खर्च भी कम हो जाता है और सही कीमत भी सुनिश्चित होती है। कृषि क्षेत्र में इन ऐतिहासिक बदलावों के बाद कुछ लोगों को अपने हाथ से नियंत्रण जाता हुआ दिखाई दे रहा है इसलिए अब कुछ लोग मिलकर इस कानून के खिलाफ झूठ फैला रहे है। कई लोगों ने किसानों को गुमराह करने की कोशिश की है कि इस कानून के बाद MSP बढ़ जाएगी। ये वही लोग हैं, जो बरसों तक MSP पर स्वामीनाथन कमेटी की सिफारिशों को अपने पैरों की नीचे दबाकर बैठे रहे।’
कोल्ड स्टोरेज का भी नेटवर्क और विकसित होगा
पीएम मोदी ने कहा, ‘ये बात हर कोई जानता है कि कृषि व्यापार करने वाले हमारे साथियों के सामने हमेशा एसेन्शियल कमेडिटी एक्ट के कुछ प्रावधान आड़े आते है लेकिन समय बदल रहा है और बदलते समय के साथ इसमें भी बदलाव की जरूरत है। दालें, आलू, खाद्य तेल, प्याज जैसी चीजें अब इस एक्ट के दायरे से बाहर कर दी गई हैं अब देश के किसान, बड़े-बड़े स्टोरहाउस में, कोल्ड स्टोरेज में इनका आसानी से स्टोरेज कर पाएंगे। जब स्टोरेज से जुड़ी कानूनी दिक्कतें दूर होंगी, तो हमारे देश में कोल्ड स्टोरेज का भी नेटवर्क और विकसित होगा, उसका और विस्तार होगा।’
कृषि क्षेत्र में आया सुधार
इस दौरान पीएम मोदी ने कृषि में सुधार की बात करते हुए कहा कि, ‘पिछले 5 साल में जितनी भी सरकारी खरीद हुई है और 2014 से पहले 5 सालों में जितनी भी सरकारी खरीद हुई है। उसके आंकड़ें मिला लो। ये आकंडे इस बात की गवाही है कि कृषि क्षेत्र में काफी सुधार हुआ है। अगर दलहन और तिलहन की बात करें तो पहले की तुलना में, दलहन और तिलहन की सरकारी खरीद करीब 24 गुना अधिक की गई है.’
No comments:
Post a Comment