नई दिल्ली: भारत (India) ने चीन (China) से साफ लहजे में कहा है कि उसके आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप करना बंद करे दे। लद्दाख (Ladakh) और अरुणाचल प्रदेश (Arunachal Pradesh) को लेकर जो बीजिंग की तरफ से जो बयानबाजी का सिलसिला चल रहा है उससे नाराज भारतीय विदेश मंत्रालय (Ministry of external affairs) ने ड्रैगन को उसी की भाषा में जवाब दिया है।चीन के बयान के अगले ही दिन दिल्ली विदेश मंत्रालय ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कि ‘जम्मू-कश्मीर (Jammu-Kashmir) और लद्दाख भारत के अभिन्न अंग थे, हैं और हमेशा रहेंगे और किसी को भी भारत के आंतरिक मामलों पर बयानबाजी और टिप्पणी करने का अधिकार नहीं है।.मंत्रालय ने बीजिंग को सन्देश देते हुए कहा कि अगर दूसरे देश यह चाहते हैं कि कोई उनके आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप न करे, तो उन्हें भी ऐसा करने से बचना चाहिए।
नई दिल्ली ने अरुणाचल प्रदेश पर पुन: अपना रुख स्पष्ट करते हुए कहा कि ‘अरुणाचल प्रदेश भारत का एक अभिन्न और अविभाज्य अंग है। ज्ञात हो कि इस हफ्ते की शुरुआत में चीन ने लद्दाख और अरुणाचल प्रदेश विवाद को हवा देते हुए कहा था कि वो इन्हें मान्यता नहीं देता। इस बात को सीधे शब्दों में चीन को कई बार बताया जा चुका है और ये संदेश चीनी सरकार के उच्चतम स्तरों तक भी पहुंचाया गया है।
चीन के विदेश मंत्रालय ने कहा था कि भारत सीमा पर बुनियादी ढांचे (पुलों का निर्माण) के विकास पर जोर दे रहा है, जो दोनों पक्षों में तनाव का महत्वपूर्ण वजह है। ज्ञात हो कि चीन शुरू से ही अरुणाचल और लद्दाख पर बयानबाजी करता रहा है। भारत ने इस बार उसे साफ शब्दों में समझाने की कोशिश कि है अगर चीन भारत के आंतरिक मामलों पर टिप्पणी करेगा, तो भारत भी इसके लिए तैयार रहे।
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