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Friday, December 11, 2020

2024 में चांद पर जाएंगे भारतीय मूल के एस्ट्रोनॉट राजा चारी, 18 सदस्यीय टीम की हुई घोषणा


वॉशिंगटन।
 भारतीय वैज्ञानिकों ने हमेशा दुनिया में परचम लहराया है। इस बार अमेरिका के चन्द्र मिशन में भारतीय मूल के वैज्ञानिक शामिल है। अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा ने मून मिशन ने लिए 18 अंतरिक्ष यात्रियों की टीम की घोषणा की है। इस टीम में भारतीय-अमेरिकी मूल के एस्ट्रोनॉट राजा चारी को भी शामिल किया है। अमेरिका इस मिशन के तहत 2024 में चांद पर इंसान भेजने की तैयारी कर रहा है। 18 सदस्यों वाली टीम दूसरे मिशन पर भी काम करेगी। नासा ने बताया है कि इस टीम में आधी महिलाएं हैं और यह टीम आर्टेमिस चंद्रमा-लैंडिंग कार्यक्रम के लिए प्रशिक्षण प्रदान करेगी। आर्टेमिस मिशन के तहत चंद्रमा की सतह पर पहली महिला को ले जाने की तैयारी कर रहा है। चंद्रमा पर पहली महिला और अगला पुरुष इसी एलिट ग्रुप से होगा। टीम में शामिल राजा चारी 2017 में एस्ट्रोनॉट कोर्प मे आए थे। तभी से उनका प्रशिक्षण चल रहा है। उन्होंने एस्ट्रॉनाटिकल इंजीनियरिंग में बैचलर की डिग्री हासिल की है। उनके पिता श्रीनिवास वी चारी हैदराबाद से अमेरिका आए थे। अमेरिकी उपराष्ट्रपति माइक पेंस ने बुधवार को इस टीम का ऐलान किया।

राष्ट्रीय अंतरिक्ष परिषद के अध्यक्ष के रूप में अपनी अंतिम बैठक में पेंस ने कहा कि मेरे साथियों मैं आपको एक ऐसी टीम दे रहा हूं, जो हमारे मून मिशन को सफल बनाएगी और हमें चंद्रमा से जुड़े कई रहस्यों का पता चलेगा। इससे अमेरिका को नहीं दुनिया का फायदा मिलेगा। नासा के एडमिनिस्ट्रेटर जिम ब्रिडेनस्टाइन ने बताया कि टीम में अभी और अंतरिक्ष यात्रियों को शामिल किया जाएगा। फिलहाल नासा के पास 47 सक्रिय अंतरिक्ष यात्री हैं जो नासा के लिए उपलब्धि है। अंतरिक्ष एजेंसी नासा 2024 तक चंद्रमा पर उतरने का लक्ष्य बना रही है और जिस तरह से तैयारियां की जा रही हैं उसे देखते हुए उम्मीद काफी बढ़ गई है।

नासा के चीफ एस्ट्रोनॉट ने कहा कि चांद पर वापसी से पहले हमारे पास बहुत से काम हैं और पूरी टीम कड़ी मेहनत कर रही है। मिशन के काम को समय के अन्दर पूरा करना है। 18 सदस्यों वाली ये टीम को मून मिशन के लिए तैयार करेगी। इस टीम में से ही एस्ट्रोनॉट्स का चुनाव किया जाएगा जो चांद पर भेजे जाएंगे। ज्ञात हो कि दुनिया  चन्द्रमा पर अपने परीक्षण लैंडर, उपग्रह भेज रहे हैं। चन्द्रमा की धरती पर सफल लैंडिंग करना एक चुनौती साबित होता है।

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