नई दिल्ली: कोरोना वायरस की चुनौती के बीच बिना किसी समस्या के जरूरतमंदों को राशन कार्ड मुहैया कराए जा रहे हैं । इस पर केंद्र सरकार की नजर है। अब तीन महीने के लिए राशन कार्ड का उपयोग करने के लिए दिशानिर्देश जारी किए गए हैं। जिसके अनुसार, तीन महीने तक नहीं आने वालों का राशन कार्ड राज्य सरकार द्वारा दिशानिर्देश जारी करके रद्द किया जा सकता है। रिपोर्टों के अनुसार, इसका कार्यान्वयन उत्तर भारत के कुछ राज्यों जैसे बिहार, मध्य प्रदेश में भी शुरू हो गया है। जबकि उत्तर प्रदेश खाद्य आपूर्ति विभाग ने इस संबंध में प्रत्येक जिले से रिपोर्ट मांगी है। यह पता चला है कि इस दिशा में आवश्यक कदम उठाए जाएंगे।
अगर 3 महीने तक अनाज नहीं लिया गया तो राशन कार्ड रद्द कर दिया जाएगा?
विभिन्न रिपोर्टों के अनुसार, केंद्र सरकार द्वारा राज्यों के निर्देश पर दिशानिर्देश तैयार किया गया है। गरीब परिवारों को उचित मूल्य पर राशन कार्ड का उपयोग करके खाद्यान्न उपलब्ध कराया जाता है। लेकिन कुछ परिवार ऐसे भी हैं जो लंबे समय से राशन कार्ड का उपयोग नहीं कर रहे हैं। इसमें सरकार ने एक दिशानिर्देश तैयार किया है कि अगर कुछ परिवार तीन महीने तक भोजन नहीं लेते हैं, तो उनके राशन कार्ड रद्द कर दिए जा रहे हैं। इसलिए यह माना जाएगा कि ये परिवार अब आर्थिक रूप से व्यवहार्य हैं और उनके राशन कार्ड निरस्त हो सकते हैं।
उत्तर प्रदेश खाद्य आपूर्ति विभाग ने प्रत्येक जिले से इस संबंध में रिपोर्ट देने को कहा है। उल्लेखनीय है कि वन नेशन वन राशन कार्ड योजना पूरे देश में लागू की गई है। इसका मतलब है कि अब आप जहां भी रहते हैं वहां से अनाज प्राप्त कर सकते हैं, भले ही आपके पास राज्य का राशन कार्ड हो। यदि कोई व्यक्ति 3 महीने तक अनाज नहीं लेता है, तो इसका मतलब है कि आप अपना पेट भरने में सक्षम हैं। इसलिए अब उन लोगों का राशन कार्ड रद्द कर दिया जाएगा और इसका लाभ दूसरे जरूरतमंद व्यक्ति को दिया जाएगा।
अभी तक इस प्रावधान के बारे में गुजरात सरकार द्वारा कोई घोषणा नहीं की गई है। लेकिन इस नियम के मद्देनजर, अगर इसे लागू किया जाता है, तो इसके खिलाफ विरोध की लहर हो सकती है।
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