हम सभी भ्रष्टाचार से अच्छे तरह वाकिफ है। इसने अपनी जड़ें गहराई से लोगों के दिमाग में बना ली है। ये एक धीमे जहर के रुप में प्राचीन काल से ही समाज में रहा है और आज बढ़ते बढ़ते इतना बढ़ गया है की हर शहर हर दफ्तार में हो रहा है। भ्रष्टाचार की जैसे ही बात शुरू करते हैं तो सबसे पहले दिमाग में नाम आता है देश के नेताओं का जिन्होंने अपनी भूख मिटने के लिए भारत की आम जनता को लूटा। करोड़ों अरबों के किये घपले में ये नेता ज्यादातर तो बच जाते हैं। वहीं कोई नेता ज्यादा ही घपला करता है तो फस भी जाता है। आज हम आपको ऐसे ही कुछ भ्रष्ट नेताओं के नाम बताने जा रहे हैं। जो अपनी करतूत के लिए जेल तक जा चुके हैं।
1. मधु कोड़ा
झारखण्ड के पूर्व मुख्यमंत्री रह चुके ‘मधु कोड़ा’ भी भ्रष्टाचार और घोटालों में बाकी नेताओं से पीछे नहीं है। बता दें की झारखण्ड के ये तीसरे ऐसे निर्दलीय नेता थे जो की मुख्यमंत्री पद पर पहुंचे। देश में हुए 4,000 करोड़ के कोयला घोटाले में मधु कोड़ा का मुख्या हाथ माना जाता है। बता दें की वे भी जेल में अभी अपनी सजा भुगत रहे हैं।
2. सुरेश कलमाड़ी
भारत में कॉमन वेल्थ गेम के नाम पर करोड़ों का घोटाला करने वाले कांग्रेस नेता और इंडियन ओलंपिक एसोसिएशन के लाइफ प्रेसिडेंट रहे ‘सुरेश कलमाड़ी’ को भला कोई कैसे भूल सकता है। कॉमन वेल्थ के नाम पर 70 हजार करोड़ के घोटाले में लिप्त पाए गए इस नेता के ऊपर कोर्ट ने अपना फैसला सुना दिया है। अभी वे तिहाड़ जेल में अपनी सजा काट रहे हैं।
3. वीके शशिकला
शुरू से ही मीडिया में अपने कामो की वजह से कम और भ्रष्टाचार की वजह से ज्यादा सुर्खियों में रहीं ‘वीके शशिकला’ पर आय से अधिक संपत्ति के मामले में कई आरोप दर्ज थे। अंत में जांच पूरी होने पर और उच्चतम न्यायालय द्वारा 4 वर्ष की सजा सुनाये जाने पर शशिकला ने खुद ही 15 फरवरी 2017 को बेंगलुरु ट्रायल कोर्ट में आत्म समर्पण कर दिया। अभी फिलहाल वे जेल में हैं।
4. लालू प्रसाद यादव
बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री रह चुके ‘लालू प्रसाद यादव’ के ऊपर भ्रष्टाचार के लगभग 65 से भी ज्यादा मामले दर्ज है। लालू के जीवन का सबसे बड़ा घोटाला है ‘चारा घोटाला’। जो की लगभग 950 करोड़ रुपए का था। बता दें की सीबीआई जांच होने पर और दोषी पाए जाने पर उन्हें जनवरी 2018 में कोर्ट ने 5 साल की सजा सुनाई है।
5. ए राजा
मनमोहन सरकार के समय का सबसे बड़ा घोटाला है ‘2जी स्पेक्ट्रम’ घोटाला। घोटाले की जांच होने पर आरोपियों में से जो नाम निकल कर आए थे। उन्ही में से एक नाम था कैबिनेट मंत्री ‘ए राजा’ का। जिसके तुरंत बाद उन्हें मजबूरन त्यागपत्र देना पढ़ा। बता दें की इसके बाद से वे तिहाड़ जेल में है।
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