केंद्र सरकार ने कोरोना महामारी के दौरान कंपनियों को राहत देने के लिए श्रम कानूनों में संशोधन किया था। इसके मद्देनजर, कुछ कंपनियों ने अपना काम करना शुरू कर दिया है और नए श्रम कानूनों के बहाने स्थायी कर्मचारियों को अनुबंध कर्मचारियों के रूप में बदलना शुरू कर दिया है। ऐसे समय में, सरकार ने ऐसी कंपनियों को चेतावनी दी है कि नए कानून के तहत, कोई भी कंपनी स्थायी रूप से काम पर रखे गए कर्मचारियों को ठेकेदार श्रमिकों के रूप में प्रतिस्थापित करने में सक्षम नहीं होगी। साथ ही, सरकार ने कहा कि कंपनी सीएसआर फंड का इस्तेमाल कर्मचारियों की मदद के लिए एक विशेष फंड के रूप में कर सकती है। साथ ही इस नए श्रम कानून को लेकर जल्द ही एक बैठक आयोजित की जानी है।
सेवा नियम जल्द ही बदल जाएंगे
एक रिपोर्ट के अनुसार, केंद्र सरकार जल्द ही सेवा नियमों में बदलाव करने जा रही है। इसके अलावा, स्थायी कर्मचारियों को ठेकेदारों के रूप में प्रतिस्थापित नहीं किया जा सकता है। उसी समय, श्रम मंत्रालय के मसौदा नियमों के माध्यम से यह स्पष्ट किया गया था कि कंपनियों को कर्मचारियों की सहायता के लिए विशेष धनराशि का निर्माण करना चाहिए। जिसके लिए री-स्किलिंग होगी। कंपनियों ने श्रम मंत्रालय को अपनी सिफारिशें भी भेज दी हैं। इसने संघ और नेटवर्थ नियम पर भी स्पष्टीकरण मांगा।
बैठक 24 दिसंबर को हो सकती है
सूत्रों के अनुसार, इस मामले पर 24 दिसंबर को श्रम मंत्रालय की बैठक में चर्चा की जाएगी । इस बैठक में श्रम संहिता के नियमों को अंतिम रूप दिया जा सकता है। बैठक में उद्योग, कर्मचारी संघ और ट्रेड यूनियन भी शामिल होंगे। केंद्र सरकार अप्रैल 2021 से एक नया श्रम कानून लागू करने की योजना बना रही है।
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