शहद शरीर के लिए वरदान नहीं है। शहद खाने से यह बालों से लेकर त्वचा तक सही रहता है।लेकिन यह शहद बच्चों के लिए बहुत खतरनाक साबित होता है। ऐसे बहुत से लोग हैं। जो लोग यह नहीं जानते कि एक वर्ष से कम उम्र के बच्चों को शहद नहीं खिलाना चाहिए। शहद में क्लोस्ट्रीडियम बोटुलिनम नामक जीवाणु होता है। जिसके कारण आपका बच्चा शिशु बोटुलिज़्म नामक बीमारी से पीड़ित हो सकता है। आइए जानते हैं क्या है ये बीमारी।
शिशु बोटुलिज़्म एक घातक बीमारी है। जिसमें क्लोस्ट्रीडियम बोटुलिनम बैक्टीरिया पाया जाता है।बच्चों के पेट में ये बैक्टीरिया पनपने लगते हैं। और अगर इसका इलाज सही तरीके से न किया जाए। इसलिए मिर्गी, सांस फूलने के अलावा बच्चों को कई घातक बीमारियाँ हो सकती हैं।
6 सप्ताह से 6 महीने की उम्र के बच्चों में इस बैक्टीरिया का खतरा सबसे अधिक है। जानकारी के अनुसार, 6 दिनों से 1 वर्ष के बीच के बच्चों में ये बैक्टीरिया देखे गए हैं। यही कारण है कि विशेषज्ञों का कहना है कि जब तक बच्चा एक वर्ष का नहीं हो जाता है, तब तक उसे शहद नहीं दिया जाना चाहिए।
आपको बता दें कि शिशु बोटुलिज़्म में तीन प्रकार के बैक्टीरिया होते हैं। एक शिशु बोटुलिज़्म (बच्चों में होने वाला बोटुलिज़्म), खाद्य जनित बोटुलिज़्म (एक बोटुलिज़्म जो खाद्य पदार्थों से फैलता है), और एक घाव बोटुलिज़्म (एक बोटुलिज़्म जो एक घाव से फैलता है) शामिल है।
यदि ये जीवाणु बच्चे के शरीर में प्रवेश करते हैं कि बच्चे को कब्ज, सुस्ती या उदासी, भूख में कमी, सांस लेने में कठिनाई, आंखों में सूजन, बोलने में कठिनाई, उपचार, बच्चे के रक्त, मल या उल्टी होती है। इन सभी के बाद ही डॉक्टर बच्चे के शरीर में इस रसाना की उपस्थिति का पता लगा सकते हैं।
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