कोलकाताः हाल ही में मंत्री समेत कई पदों से इस्तीफा देने वाले शुभेंदु अधिकारी को लेकर तृणमूल कांग्रेस को राहत मिल गई है। कहा जा रहा है कि बीते कल हुई बैठक में शुभेंदु अधिकारी को मना लिया गया है। उन्होंने तृणमूल में ही रहने का फैसला किया है। इसकी जानकारी बीते कल तृणमूल सांसद सौगत राय ने दी। इसी बीच शुभेंदु अधिकारी को लेकर बीजेपी ने भी अपनी प्रतिक्रिया दी है।
पश्चिम बंगाल के प्रभारी कैलाश विजयवर्गीय से लेकर प्रदेश भाजपा अध्यक्ष दिलीप घोष तक यह स्वीकार करते आ रहे थें कि शुभेंदु अधिकारी एक बड़े नेता हैं। ऐसे में वह अगर बीजेपी में शामिल होते हैं तो पार्टी के लिए फायदा होगा। हालांकि इसी बीच बीते कल युवा तृणमूल कांग्रेस अध्यक्ष व सांसद अभिषेक बनर्जी और चुनाव रणनीतिकार प्रशांत किशोर के बीच हुई बैठक के बाद दावा किया जा रहा है कि तृणमूल शुभेंदु को मनाने में सफल हो गई है। वह पार्टी में ही रहेंगे।
ऐसे में शुभेंदु को लेकर कैलाश विजयवर्गीय ने कहा कि भाईपो यानी सीएम ममता के भतीजे अभिषेक बनर्जी की भूमिका से शुभेंदु अधिकारी असंतुष्ट थें। उन्होंने कहा कि मुझे नहीं लगता की वह किसी के सामने अपना सिर झुकाएंगे। शुभेंदु बीजेपी में आएंगे तो उन्हें सम्मान मिलेगा, जिसके वे हकदार हैं। यदि वह बीजेपी में नहीं भी शामिल होते हैं तो भी सरकार बीजेपी की ही बनेगी।
कुछ ऐसी ही बातें प्रदेश भाजपा अध्यक्ष दिलीप घोष ने भी कही है। दिलीप घोष ने कहा कि भले ही शुभेंदु तृणमूल में रहते हैं भाजपा को कोई फर्क नहीं पड़ेगा। हमने पहले भी कहा है कि वह केवल मंत्री पद छोड़े हैं पार्टी नहीं। यदि वह बीजेपी में शामिल होते हैं तो उनका स्वागत है। दरवाजा खुला है। यदि वह बीजेपी में शामिल नहीं भी होते हैं तो भी बीजेपी 200 से अधिक सीटों के साथ सरकार बनाएगी।
गौरतलब हो कि कल हुई बैठक के बाद सौगत रॉय ने कहा कि शुभेंदु अधिकारी बीजेपी में नहीं जा रहे हैं। प्रशांत किशोर, सुदीप बंदोपाध्याय और अभिषेक बनर्जी के साथ उनकी बैठक हुई और चीजों को सुलझा लिया गया है। वो टीएमसी के साथ हैं और हम ममता बनर्जी को फिर से जिताने के लिए मिलकर काम करेंगे।
उल्लेखनीय है कि शुभेंदु अधिकारी ने बीते शुक्रवार को पर्यटन मंत्री के पद से इस्तीफा दे दिया था। वह पहले ही हुगली रिवर ब्रिज कमीशन (एचआरबीसी) के अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे चुके थे। शुभेंदु अधिकारी के टीएमसी छोड़कर बीजेपी में जाने की अटकलें तेज थीं। मंत्री पद छोड़ने के बाद वह बतौर विधायक ममता की पार्टी के साथ बने रहेंगे।
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