र्थशास्त्र के महान विद्वान आचार्य चाणक्य ने व्यवसायियों और व्यापारियों के लिए नई नीतियों को तैयार किया है , जिनका अनुसरण करके व्यक्ति अपने व्यवसाय में सफलता प्राप्त कर सकता है। आइए जानते हैं चाणक्य की इन नीतियों के बारे में
प्रीति रजनी सेवा सुंदर।
कमर्शियल बिहेवियरल वुमेन दिव्या शोभित ग्रिहे।
चाणक्य के अनुसार, एक व्यापारी को कभी भी नकारात्मक विचारों को दिमाग में नहीं लाना चाहिए। सकारात्मक सोच से कार्यक्षेत्र में सफलता मिल सकती है।
एक उद्यमी को जोखिम लेने से डरना नहीं चाहिए बल्कि उन्हें साहस के साथ सामना करना चाहिए। उसे अपने काम की पूरी जानकारी होनी चाहिए और इससे संबंधित एक अच्छी रणनीति भी होनी चाहिए। साथ ही उन्हें समय-समय पर उद्योग में हो रहे बदलावों के बारे में पता होना चाहिए।
किसी भी व्यवसाय में अकेले चलने से सफलता प्राप्त करना कुछ सहयोगियों के साथ काम करने से बेहतर है। जिस व्यवसायी के अच्छे मित्र होते हैं वह सफलता जल्दी प्राप्त करता है।
व्यवसाय में व्यावसायिक कौशल को सबसे महत्वपूर्ण माना जाता है। यदि किसी व्यक्ति में जनसंपर्क का कौशल है तो व्यवसाय में हर छोटी और बड़ी बाधा को हटा दिया जाता है।
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