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किसी ने ठीक ही कहा है कि
‘‘यदि सन 2024 के लोस चुनाव के बाद नरेंद्र मोदी फिर सत्ता में आ गए तो कोई नहीं बचेगा।
न छोटे -बड़े भ्रष्ट बचेंगे और न ही घोटालेबाज बचेंगे।
और, न ही टुकड़े-टुकड़े गिरोह।
इसीलिए सब मोदी के खिलाफ एकजुट हो गए हैं।’’
अपने बचाव में लगे उन निहितस्वार्थियों को कोई सही मुद्दा नहीं मिल रहा है ।
तो नकली मुद्दों के आधार पर आमजन व सरकार को परेशान करने में लगे हैं।
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‘इंडिया टूडे’ के ताजा सर्वे के अनुसार यदि जनवरी, 2021 में चुनाव हो जाए तो राजग को लोक सभा की 321 सीटें मिलेंगी।
यानी, उनका भय वास्तविक है।उन्हें एक नए ढंग की सरकार से जो पाला पड़ा है !
एक गैर कांग्रेसी शालीन प्रधान मंत्री कहा करते थे कि
‘‘प्रथम परिवार’’ को नहीं छूना है।
पर, मोदी सरकार तो प्रथम परिवार की भी ऐसी-तैसी कर रही है।
अभी और होना बाकी है।अन्य कई परिवारों क भी यही हाल है।
इसलिए वे अब अपने होश वो हवास में नहीं हैं।
अतार्किक व अनर्गल प्रलाप करते रहते हैं।
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1.-सी.ए.ए. और एन.आर.सी. के खिलाफ शाहीनबाग का तमाशा हुआ।
तब यह झूठ फैलाया गया कि इससे एक संप्रदाय
की नागरिकता चली जाएगी।
जबकि असलियत यह है कि सी.ए.ए.-एन.आर.सी.का किसी
वास्तविक नागरिक की स्थिति पर कोई प्रतिकूल प्रभाव नहीं पड़ने वाला है।
हां,जिन लोगों ने 2045 तक इस देश में एक खास धर्म का शासन स्थापित करने क जो लक्ष्य बनाया है,उनको जरूर झटका लगेगा।
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यदि अल्पसंख्यकों के असली मददगार हो तो उनकी आर्थिक स्थिति बेहतर करने के liye सरकार पर दबाव डालो।
आंदोलन करो।
चक्का जाम करो।
2-किसान कानून से किसी की जमीन नहीं जाने वाली है।
फिर भी कुछ स्वार्थी लोग एक खास जातीय समूह व धार्मिक समूह को भड़का रहे हैं।
हां,इस कानून से आढतियों व मंडियों के दलालों का वर्चस्व कम जरूर हो जाएगा।
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यदि पंजाब के आम लोगों के असली शुभचिंतक हो तो वहां
जैविक खेती को व्यापक बनाने के लिए सरकार पर दबाव डालो।
क्योंकि आढ़तिए-मंडी के दलाल किसानों पर दबाव डालकर अधिक से अधिक रासायनिक खाद-कीटनाशक खेतों में डलवा रहे हैं।
उससे खेतों की उर्वरा शक्ति कम हो रही है।
जल में आर्सेनिक की मात्रा बढ़ रही है।
बड़ी संख्या में लोग कैंसर से जूझ रहे हैं।
पर करोड़ों की गाड़ियों में घूमने वाले आढ़तियों को तो अधिक से अधिक अनाज चाहिए ताकि वे मुनाफा कमा सकें।
बाद में तो वे खुद सपरिवार कनाडा आदि भाग जाएंगे।
पर,पंजाब के अपेक्षाकृत गरीब किसानों को कैंसर से मरने के लिए छोड़ देंगे।
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केंद्र सरकार को चाहिए कि वह इस बात की जांच करवाए कि पंजाब में बड़ी संख्या में लोग कैंसरग्रस्त क्यों हो रहे हैं।उन्हें बचाने के उपाय क्या हैं।
कैंसर को बढ़ाने व जमीन को लवणमय करने में वहां कौन -कौन से तत्व सहायक हो रहे हैं ?
(वरिष्ठ पत्रकार सुरेन्द्र किशोर के फेसबुक वॉल से साभार, ये लेखक के निजी विचार हैं)
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