चाणक्य नीति क्या कहती है
जीवन में सफल होने के लिए इंसानों को बहुत से त्याग करने पड़ते हैं। चाणक्य कहते हैं कि जो व्यक्ति लक्ष्य प्राप्त करना चाहता है, उसे पहले असत्य का त्याग करना चाहिए। उनके अनुसार, झूठ के रास्ते पर चलने वाले व्यक्ति को क्षणिक सुख मिलता है और फिर वह दुख में बदल जाता है। इसलिए जीवन में लंबे समय तक खुश रहने के लिए सच्चाई की राह पर चलना बहुत जरूरी है। चाणक्य के अनुसार, माँ लक्ष्मी स्वयं एक ऐसे व्यक्ति के पास आती हैं जो सत्य के मार्ग पर चलता है और स्वार्थी कारणों से झूठ का समर्थन नहीं करता है और उसके परिवार में खुशी फैलती है।
चाणक्य ने अपनी नैतिकता में आलस्य को मनुष्य का सबसे बड़ा शत्रु कहा है। उनका कहना है कि आलस्य मनुष्य को पीछे की ओर धकेलता है और उसके प्रतिद्वंद्वी आगे बढ़ते हैं। साथ ही उसके हाथ से नए अवसर निकलते हैं और इस तरह लक्ष्मी जल्द ही उस व्यक्ति के पास नहीं आती हैं।
चाणक्य के अनुसार मनुष्य को लालच से दूर रहना चाहिए। लालची व्यक्ति कभी संतुष्ट नहीं होता है और इस स्थिति में वह अधिक पाने की इच्छा में गलत रास्ते का उपयोग करता है। गलत रास्ते पर चलकर कमाया गया धन हमेशा दुख का कारण बनता है। ऐसी स्थिति में व्यक्ति को जीवन की कठिनाइयों से दूर रहने का मोह छोड़ देना चाहिए।
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