यूं तो टी-20 फॉर्मेट क्रिकेट का सबसे रोमांचक और लोकप्रिय फॉर्मेट है। जिसमें हर गेंद पर मुकाबले का निष्कर्ष निकाला जा सकता है, ऐसे में खिताबी मुकाबले अपने आप ही हाईवोल्टेज हो जाते हैं। जिसकी वजह ये भी होती है कि टूर्नामेंट की दो सबसे बेहतरीन टीमें अपनी श्रेष्ठता को साबित करने के लिए भिड़ रही होती हैं। ऐसे में जब बात दुनिया की सबसे लोकप्रिय लीग आईपीएल के यादगार फाइनल मुकाबलों की होती है, तो इन पांच मैचों की चर्चा किए बगैर सबकुछ अधूरा लगता है।
राजस्थान ने चेन्नई को तीन विकेट से हराया, साल 2008
आईपीएल के पहले संस्करण में टूर्नामेंट की सबसे कमजोर टीम मानी जा रही राजस्थान रॉयल्स ने फाइनल में जगह बनाकर सभी को हैरत में डाल दिया। टीम का मुकाबला मुंबई में चेन्नई सुपर किंग्स के साथ हुआ, जहां शेन वार्न की टीम ने धोनी के रणबांकुरों को पॉवर प्ले में मात्र 42 रन ही बनाने दिये। एल्बी मोर्कल को तेज बल्लेबाजी करने के लिए चौथे नंबर पर भेजा गया, लेकिन यूसुफ पठान ने शानदार गेंदबाजी करते हुए चेन्नई के चोटी के तीन बल्लेबाजों को पवेलियन की राह दिखाई। कप्तान धोनी ने अंतिम ओवरों में तेजी से रन बनाकर टीम को 163 रन तक पहुंचाया।
जवाब में राजस्थान की शुरूआत भी अच्छी नहीं रही और टीम के तीन विकेट बहुत जल्दी गिर गये। जिसके बाद यूसुफ पठान और शेन वाटसन ने अच्छी साझेदारी निभाई। राजस्थान को जीत दर्ज करने के लिए अंतिम ओवर में 8 रन बनाने थे, जहां आखिरी गेंद पर सोहेल तनवीर ने चौका जड़कर टीम को चैंपियन बनाया।
चेन्नई ने मुंबई को 22 रन से हराया, साल 2010
साल 2010 में हुए आईपीएल में सचिन तेंदुलकर जबरदस्त फॉर्म में थे, उन्होंने टीम को पहली बार फाइनल में पहुंचाया। चेन्नई ने पहले बल्लेबाजी करते हुए सुरेश रैना के 57 रनों के बदौलत 168 रन बनाए, जवाब में सचिन ने चोटिल होने के बावजूद बेहतरीन पारी खेली। लेकिन स्पिनरों के जाल में उलझी मुंबई को 18 गेंदों में 55 रन बनाने थे, पोलार्ड ने डग बोलिंगर के 18वें ओवर में 22 रन ठोंक दिये। लेकिन धोनी ने एक बार फिर जादुई कप्तानी की और पोलार्ड के तूफान को थामते हुए मुंबई को 22 रन की हार की ओर धकेल दिया। इस तरह धोनी आईपीएल खिताब जीतने वाले पहले भारतीय कप्तान बने।
कोलकाता ने चेन्नई को 5 विकेट से हराया, साल 2012
आईपीएल 2012 में चेन्नई को चुनौती देने के लिए गौतम गंभीर के नेतृत्व में केकेआर की टीम थी। चेन्नई ने पहले बल्लेबाजी करते हुए चैंपियन के अंदाज में खेलते हुए 190 रन बनाए, जिसमें सुरेश रैना ने 38 गेंदों में 73 रन की पारी खेली। केकेआर ने पहले ही ओवर में कप्तान गौतम गंभीर का विकेट गवां दिया, लेकिन विकेटकीपर बल्लेबाज मनविंदर बिस्ला ने जैक्स कैलिस के साथ मिलकर आईपीएल इतिहास की सबसे यादगार साझेदारी निभाई। हालांकि कैलिस उस वक्त आउट हो गए जब टीम को 7 गेंदों में 16 रन चाहिए थे। एक नोबॉल और चौके की मदद से आखिरी ओवर में केकेआर को 9 रन ही बनाने थे। जिसे केकेआर ने दो गेंद शेष रहते हुए हासिल कर लिया और पहली बार ट्रॉफी पर कब्जा किया।
कोलकाता ने पंजाब को 3 विकेट से हराया, साल 2014
आईपीएल इतिहास का सबसे रोमांचक फाइनल मुकाबला केकेआर और किंग्स इलेवन पंजाब के बीच खेला गया था। केकेआर ने पहले बल्लेबाजी करते हुए 4 विकेट खोकर 199 रन बनाए, इस मैच में सहवाग जल्दी आउट हो गए थे। जिसके बाद शतकवीर साहा और मनन वोहरा ने कमाल की बल्लेबाजी करते हुए आखिरी 10 ओवर में 141 रन बटोरे। जवाब में केकेआर ने मनीष पांडेय की धमाकेदार 94 रनों की पारी की बदौलत ये लक्ष्य तीन गेंद शेष रहते हुए हासिल कर लिया। इस मुकाबले ने हर पल करवट बदली और कप्तान जॉर्ज बेली के बुने जाल में केकेआर तकरीबन फंस गया था, लेकिन पीयूष चावला के कैमियो 5 गेंदों में 13 रन ने केकेआर को दूसरी बार चैंपियन बना दिया।
मुंबई ने पुणे को 1 रन से हराया, साल 2017
लीग स्टेज में दो बार और पहले क्वालिफायर में मुंबई से हारने वाली राइजिंग पुणे सुपरजायंट को एक बार फिर फाइनल में एक रन से हार का सामना करना पड़ा। पहले बल्लेबाजी करने वाली मुंबई इंडियंस ने क्रुनाल पांड्या की 47 रन की पारी की बदौलत 129 रन बनाए। जवाब में रहाणे और स्मिथ बेहतरीन खेल दिखाते हुए कमाल की बल्लेबाजी कर रहे थे, लेकिन पोलार्ड ने रहाणे का शानदार कैच पकड़कर मैच का रुख बदल दिया।
हालांकि एक के बाद एक विकेट गिरने का सिलसिला जारी रहा, लेकिन मैदान पर स्मिथ जमे रहे। मैच आखिरी ओवर में पहुंचा, जहां जीत के लिए पुणे को 11 रन चाहिए थे। मनोज तिवारी ने पहली गेंद पर चौका लगाया और अगली गेंद पर चलते बने। आखिरी गेंद पर चार की दरकार थी, लेकिन वाशिंगटन सुंदर तीसरा रन लेने के चक्कर में रन आउट हो गए और मुंबई एक रन से मुकाबला जीत गया।
इनमें से आपका फेवरेट आईपीएल फाइनल कौन-सा है कमेंट करके जरुर बताएं
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