टेस्ट क्रिकेट खेलना किसी भी खिलाड़ी का सपना जरूर होता है, जिसमें कई को सफलता हासिल होती है, तो कुछ खिलाड़ी अपने पूरे करियर के दौरान एक भी टेस्ट मैच नहीं खेल पाते हैं। लेकिन अभी तक टेस्ट क्रिकेट में ऐसे खिलाड़ियों की संख्या बेहद कम है, जिन्होंने 100 या उससे अधिक अंतरराष्ट्रीय टेस्ट अपने पूरे करियर के दौरान खेले हैं।
इसी में एक नाम महान कप्तानों की लिस्ट में शुमार किए जाने वाले पूर्व ऑस्ट्रेलियाई खिलाड़ी रिकी पोंटिंग का आता है, जो अपने समय के टॉप-3 बल्लेबाजों में शामिल किए जाते थे। पोंटिंग ने अपने 100वें टेस्ट मैच को बेहद खास बनाते हुए एक ऐसा रिकॉर्ड बना दिया जो इससे पहले टेस्ट इतिहास में कोई दूसरा बल्लेबाज नहीं बना सका था। पोंटिंग टेस्ट क्रिकेट में 100वें मैच की दोनों पारियों में अभी तक शतक लगाने वाले एकमात्र बल्लेबाज हैं।
साल 2006 में किया यह कारनामा
दक्षिण अफ्रीका की टीम साल 2006 में ऑस्ट्रेलिया के दौरे पर 3 मैचों की टेस्ट सीरीज खेलने गई हुई थी। इसमें ऑस्ट्रेलियाई टीम 1-0 की बढ़त के साथ आगे थी और सीरीज का तीसरा मैच सिडनी के मैदान में खेला जाना था। यह रिकी पोंटिंग के करियर का 100वां अंतरराष्ट्रीय टेस्ट मैच था।
अफ्रीकी टीम के कप्तान ग्रीम स्मिथ ने इस मैच में टॉस जीतने के बाद पहले बल्लेबाजी करने का फैसला किया। जिसके बाद एशवेल प्रिंस और जैक कैलिस की शतकीय पारियों की बदौलत टीम ने पहली पारी 9 विकेट के नुकसान पर 451 रन बनाते हुए घोषित कर दी।
दूसरे दिन का खेल खत्म होने से कुछ समय पहले अफ्रीका टीम ने अपनी पहली पारी घोषित की और दिन का खेल खत्म होने पर उन्होंने ऑस्ट्रेलिया टीम के 3 विकेट 54 के स्कोर पर गिराते हुए मैच में अपनी पकड़ को मजबूत कर लिया था।
तीसरे दिन के खेल में रिकी पोंटिंग ने अपनी 14 रनों की पारी को आगे बढ़ाना शुरू किया और 174 गेंदों में 120 रनों की पारी खेलने के बाद पवेलियन लौटे। इस शतक के साथ पोंटिंग ऐसे पहले ऑस्ट्रेलियाई खिलाड़ी बन गए थे, जिन्होंने अपने 100वें टेस्ट मैच में शतक लगाया है। वहीं पोंटिंग के अलावा एडम गिलक्रिस्ट के 86 रनों के बदौलत ऑस्ट्रेलियाई टीम अपनी पहली पारी में 359 रन बनाने में कामयाब रही।
अफ्रीकी कप्तान ने लिया साहसिक फैसला
ऑस्ट्रेलियाई टीम की पहली पारी 359 के स्कोर पर समेटने के बाद अफ्रीका टीम के पास इस टेस्ट मैच को जीतने का एक सुनहरा मौका था। लेकिन चौथे दिन सिर्फ 20.3 ओवरों का खेल होने की वजह से अफ्रीकी कप्तान ग्रीम स्मिथ को एक बेहद साहसी फैसला लेने पर मजबूर होना पड़ा। उन्होंने टीम की दूसरी पारी को 196 के स्कोर पर घोषित करते हुए ऑस्ट्रेलिया को मैच में 287 रनों का लक्ष्य दिया, जो उन्हें 76 ओवरों में हासिल करना था।
हेडन और पोंटिंग ने बदली पूरी सोच
टेस्ट मैच की चौथी पारी में 287 के स्कोर का पीछा करने उतरी ऑस्ट्रेलिया टीम ने 5वें दिन लंच के समय तक 31 के स्कोर पर अपना एक विकेट गंवा दिया था। इसके बाद दूसरे सत्र में बल्लेबाजी करने उतरे मैथ्यू हेडन और रिकी पोंटिंग ड्रॉ के इरादे से खेलने की जगह जीत हासिल करने की सोच से मैदान में उतरे। जिसमें हेडन ने अपना अर्धशतक जहां 81 गेंदों में पूरा किया तो वहीं पोंटिंग ने भी आक्रामक बल्लेबाजी करते हुए 52 गेंदों में अर्धशतक पूरा कर लिया था।
खेल के आखिरी सत्र में पोंटिंग ने रचा इतिहास
दूसरे सत्र के खेल में ऑस्ट्रेलियाई टीम ने बिना कोई विकेट गंवाए 27 ओवरों में 151 रन बना दिए थे। जिसके बाद उन्हें आखिरी सत्र के बचे हुए 38 ओवरों में जीत के लिए 105 रनों की दरकार थी। हेडन और पोंटिंग ने 33.2 ओवरों तक एकसाथ बल्लेबाजी करते हुए दूसरे विकेट के लिए 182 रनों की साझेदारी की, जिसके बाद हेडन 90 रनों की पारी खेलकर आउट हो गए।
लेकिन पोंटिंग ने दूसरे छोर से रनों की गति को धीमा नहीं पड़ने दिया और 111 गेंदों में इस टेस्ट में अपना दूसरा शतक पूरा करते हुए टेस्ट इतिहास में एक खास रिकॉर्ड बनाने वाले पहले खिलाड़ी बन गए। ऑस्ट्रेलिया कप्तान ने इस मैच की दूसरी पारी में 159 गेंद खेलते हुए नाबाद 143 रनों की पारी खेली और टीम को मैच में 8 विकेट से जीत दिलाकर पवेलियन वापस लौटे थे।
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