भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर अपनी बेबाक अंदाज़ और दमदार शख्सियत के रूप में जाने जाते है। जब भी पाकिस्तान की बात होती तो विदेश मंत्री दो टूक जवाब देते हुए अपनी बात रखते है। इसी तरह एक बार फिर से एस. जयशंकर ने यूरोप द्वारा लगाए जा रहे आरोपो पर सफाई देते हुए सभी बातों के सटीक उत्तर दिए। उन्होंने ये बात साफ़ कर दी कि भारत यूक्रेन-रूस युद्ध का फायदा नही उठा रहा बल्कि समाधान निकालने की कोशिश कर रहा है। यूरोप ने हाल ही में भारत पर आरोप लगाया था कि भारत युद्ध का फायदा उठाते हुए रूस से तेल खरीद रहा है। इसी का जवाब देते हुए जयशंकर ने कहा कि यूक्रेन वॉर को लेकर भारत ने हमेशा से मदद के लिए आगे आकर पहल की है। हमारा मोटिव इस विवाद को खत्म करना हैं।
विदेश मंत्री इन दिनों दो देशों की यात्रा पर गए हुए है, इसी कड़ी में दो अपनी यात्रा के दूसरे चरण में साइप्रस से ऑस्ट्रिया पहुंचे जहां एस.जयशंकर ने कहा कि, ‘यूरोप अपने आयात को आसानी से कम करने में कामयाब रहा है। अगर 60,000 यूरो पर आपको अपनी जनसंख्या के बारे में इतनी फ़िक्र हो रही है तो भारत में तो 2,000 अमेरिकी डॉलर की आय वाली आबादी है। मुझे भी ऊर्जा की आवश्यकता पढ़ती है, ऐसे में हम इस स्थिति में नही है की हम तेल के लिए ऊँची बोली लगाये।’
जयशंकर ने आगे यह भी कहा कि फरवरी 2022 से यूरोप ने भारत के मुकाबले में रूस से छह गुना अधिक ऊर्जा का आयात किया है। ये साफ़ दर्शाता है कि कौन किसका फायदा उठा रहा हैं। उन्होंने एक सवाल के उत्तर देते हुए यह भी बताया कि, ‘‘अगर यह सिद्धांत की बात थी तो यूरोप ने 25 फरवरी को मॉस्को से बिजली क्यों नहीं बंद की।’’ रूसी तेल लेने के लिए भारत की इच्छा तब से प्रबल हो गई है जब से मॉस्को ने इस पर छूट देनी शुरू कर दी है क्योंकि पश्चिम ने यूक्रेन पर हमले के चलते रूस को दंडित करने के लिए उसके तेल को लेना बंद कर दिया था। भारत ने अपने इरादे साफ़ कर दिए है कि वो युद्ध का समाधान चाहता है। उसके नज़रिये से दोनों देश रूस और यूक्रेन जरूरी है।
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