SCO : भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने पाकिस्तान की राजधानी इस्लामाबाद में भारत का झंडा गाडा है। दरअसल भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर शंघाई सहयोग संगठन (SCO) के शिखर सम्मेलन में भाग ले रहे हैं। SCO का शिखर सम्मेलन पाकिस्तान की राजधानी इस्लामाबाद में हो रहा है। SCO के शिखर सम्मेलन में शंघाई देशों के तमाम मुददों पर चर्चा हो रही है। SCO के शिखर सम्मेलन में भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने पाकिस्तान तथा चीन को खूब खरी-खरी सुनाई। भारत के विदेश मंत्री के भाषण को सुनकर हर कोई यही बोल रहा है कि भारत के विदेश मंत्री ने पाकिस्तान की धरती पर भारत का झंडा गाड दिया है।
बड़ा महत्व है शंघाई सहयोग संगठन का
शंघाई सहयोग संगठन SCO का एशिया के लिए विशेष महत्व है। SCO का महत्व मध्य एशिया के बहुत अधिक है। भारत वर्ष 2017 में SCO का पूर्ण सदस्य बना था। SCO का सदस्य बनने के बाद से भारत ने मध्य एशिया में अपनी स्थिति को मजबूत करते हुए अपनी उपस्थिति को बढ़ाया है। SCO में चीन, रूस, कजाकिस्तान, किर्गिस्तान, ताजिकिस्तान, उज्बेकिस्तान, भारत तथा पाकिस्तान सदस्य हैं। इन दिनों पाकिस्तान की राजधानी इस्लामाबाद में SCO का शिखर सम्मेलन चल रहा है। SCO के शिखर सम्मेलन में भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने भारत का झंडा गाड दिया है।
भारत ने खोली चीन तथा पाकिस्तान की पोल
शंघाई सहयोग संगठन (SCO) शिखर सम्मेलन में शिरकत करने पाकिस्तान दौरे पर गये विदेश मंत्री एस जयशंकर ने चीन और पाकिस्तान की पोल खोलकर रख दी है। SCO समिट को संबोधित करते हुए विदेश मंत्री एस जयशंकर ने पाकिस्तान-चीन के सीपीईसी प्रोजेक्ट के कारण भारतीय संप्रभुता के उल्लंघन का मुद्दा उठाया है। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि SCO के सदस्य देशों का सहयोग परस्पर सम्मान और संप्रभु समानता पर आधारित होना चाहिए. यह जरूरी है कि SCO सभी देश क्षेत्रीय अखंडता और संप्रभुता को मान्यता दें। इसके लिए वास्तविक साझेदारी का निर्माण होना चाहिए, न कि एकपक्षीय एजेंडे पर आगे बढ़ा जाना चाहिए। विदेश मंत्री ने CPEC की ओर इशारा करते हुए कहा कि यदि हम दुनिया की चुनिंदा प्रथाओं को ही आगे बढ़ाएंगे खासकर व्यापार और व्यापारिक मार्गों के लिए तो SCO की प्रगति नहीं हो पाएगी। आपको यह बता दें कि CPEC को लेकर भारत की चिंता है कि यह परियोजना पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर से होकर गुजरती है, इसे क्षेत्र को भारत अपना अभिन्न हिस्सा मानता है।विदेश मंत्री एस जयशंकर ने SCO शिखर सम्मेलन में कहा कि SCO का प्राथमिक लक्ष्य आतंकवाद, अलगाववाद और अतिवाद का मुकाबला करना है। वर्तमान समय में ये और भी महत्वपूर्ण है। इसके लिए ईमानदार बातचीत, विश्वास, अच्छे पड़ोसी और एससीओ चार्टर के प्रति प्रतिबद्धता की आवश्यकता है। एससीओ को इन ‘तीन बुराइयों’ का मुकाबला करने में दृढ़ और संकल्पित होने की आवश्यकता है।
उन्होंने कहा कि वैश्वीकरण और पुनर्संतुलन वर्तमान समय की वास्तविकताएं हैं। एससीओ देशों को इसे आगे बढ़ाने की आवश्यकता है। विदेश मंत्री ने कहा कि परस्पर सम्मान और संप्रभु समानता पर आधारित होना चाहिए, क्षेत्रीय अखंडता और संप्रभुता को मान्यता देनी चाहिए और वास्तविक साझेदारी पर निर्माण करना चाहिए, न कि एकतरफा एजेंडे पर। एससीओ वैश्विक प्रथाओं को चुनिंदा तरीके से अपनाकर प्रगति नहीं कर सकता है, खासकर व्यापार और परिवहन के मामले में।
SCO से सुधार की बड़ी उम्मीद
भारत के विदेश मंत्री एस जयाशंकर ने कहा कि SCO को कोशिश करनी चाहिए कि वैश्विक संस्थाएं रिफॉर्म्स के साथ कदम ताल करे। इसकी कोशिश होनी चाहिए कि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में भागीदारी बढ़ाई जाए, इसे समावेशी, पारदर्शी, कुशल, प्रभावी, लोकतांत्रिक और जवाबदेह बनाया जाए ।भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने अपने संबोधन में पाकिस्तानी आवाम से भी संवाद स्थापित करने की कोशिश की। उन्होंने कहा कि यदि विश्वास की कमी है या सहयोग अपर्याप्त है, यदि मित्रता कम पड़ गई है और अच्छे पड़ोसी की भावना कहीं कम है, तो आत्म-चिंतन करने और कारणों को समाधान खोजने की वजह है। विदेश मंत्री ने कहा कि साथ ही साथ अगर हम पूरी प्रतिबद्धता के साथ SCO के चार्टर का पालन करते हैं तभी हम इसके फायदे को पूरी तरह से उठा सकेंगे। यह केवल हमारे अपने लाभ के लिए नहीं है। हम सभी जानते हैं कि दुनिया बहुध्रुवीयता की ओर बढ़ रही है। वैश्वीकरण और पुनर्संतुलन वास्तविकताएं हैं जिन्हें नकारा नहीं जा सकता। ये नए अवसर प्रदान करते हैं, जैसे कि व्यापार, निवेश, कनेक्टिविटी, ऊर्जा प्रवाह और अन्य सहयोग। इसमें कोई संदेह नहीं है कि हमारा क्षेत्र इससे बहुत लाभान्वित होगा। न केवल यह, बल्कि अन्य लोग भी इन प्रयासों से अपनी प्रेरणा और सबक लेंगे। इस प्रकार भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने पाकिस्तान की धरती पर भारत का झंडा गाड दिय़ा।
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