Prayagraj Mahakumbh: देशभर में आज दशहरा की तैयारियां जोरो-शोरा चल रही है। वहीं प्रयागराज में होने वाले महाकुंभ से पहले साधु-संतों की सबसे बड़ी संस्था अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद में घमासान छिड़ गया है। बता दें कि मामला अखाड़ा परिषद को दिए गए समर्थन पत्र से जुड़ा है।
क्या है पूरा मामला?
अखाड़ा परिषद के दो धड़ों में वर्चस्व की लड़ाई छिड़ गई है। जहां श्रीराम जन्मभूमि ट्रस्ट के सदस्य और अखिल भारतीय श्रीपंचमी रामानंदीय निर्मोही अखाड़े के महंत दिनेंद्र दास शुक्रवार को निरंजनी अखाड़े के महंत रवींद्र पुरी के अखाड़े को दिए समर्थन पत्र से मुकर गए हैं। महंत दिनेंद्र दास ने दावा किया कि उन्होंने महंत रवींद्र पुरी और हरि गिरि के पक्ष में जो पत्र दिया था वो उनसे धोखे से लिखवाया गया था। जिसके बाद उन्होंने इस समर्थन पत्र को वापस ले लेते हुए घोषणा कर दी कि महाकुंभ निर्मोही अखाड़े के सचिव राजेंद्र दास के नेतृत्व में कराया जाएगा। उनके इस फैसले से अखाड़ा परिषद को जबरदस्त झटका लगा है।
महंत दिनेंद्र नया समर्थन पत्र किया जारी
उन्होंने अपना नया समर्थन पत्र जारी करते हुए जगन्नाथ मंदिर अहमदाबाद के महंत राजेंद्र दास को अखिल भारतीय श्रीपंच निर्मोही अखाड़े का अध्यक्ष और अखाड़े का महामंत्री बताया। साथ ही उन्होंने कहा कि महाकुंभ मेला अब महंत राजेंद्र दास के ही नेतृत्व में होगा। इसके सात ही महाकुंभ को लेकर जो बैठक या अन्य कार्य होंगे उनका नेतृत्व भी वहीं करेंगे। हम इसका पूरा समर्थन करते है और इससे पहले जो समर्थन पत्र जारी किया गया था उसे निरस्त करते हैं।
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