31 अक्टूबर को दीपावली का त्योहार मनाया जाएगा. इस दिन प्रथम पूजनीय श्री गणेश और माता लक्ष्मी की पूजा की जाएगी. हिंदू पंचांग के अनुसार, कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि पर दीपावली का त्योहार मनाया जाता है. प्रकाश का यह त्योहार सनातन धर्म के लिए बहुत खास है. इस दिन भगवान राम अपने घर अयोध्या लौटे थे. उनके घर वापसी की ही खुशी में पूरी अयोध्या दीपों से सजी थी. इसके बाद से ही हर साल कार्तिक महीने की कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि को दीपावली का त्योहार मनाया जाने लगा. हालांकि, दीपावली के दिन भगवान गणेश और माता लक्ष्मी की पूजा करने का विधान है. इस दिन पूरे विधि-विधान से पूजा करने से घर में माता लक्ष्मी प्रसन्न होती है और घर में सुख-समृद्धि का वास होता है. ऐसे में आइए जानते हैं क्या है दिवाली पर पूजा का शुभ मुहूर्त.
पूजा का शुभ मुहूर्त
हिन्दू पंचांग के अनुसार, अमावस्या तिथि की शुरुआत 31 अक्टूबर को दोपहर 3 बजकर 22 मिनट से हो रही है. जिसका समापन 1 नवंबर शुक्रवार को शाम 5 बजकर 23 मिनट पर होगा. ऐसे में भगवान गणेश और माता लक्ष्मी की पूजा 31 अक्टूबर को की जाएगी. वहीं, गणेश-लक्ष्मी की पूजा का शुभ मुहूर्त शाम 5 बजकर 31 मिनट से शुरू होकर रात 9 बजकर 30 मिनट तक रहेगा.
दिवाली पर लक्ष्मी-गणेश पूजन का महत्व
मान्यता है कि, दिवाली के दिन माता लक्ष्मी धरती पर भ्रमण करने आती है. ऐसे में जिस घर में लक्ष्मी-गणेश की पूजा होती है उस घर में माता प्रवेश करती है और धन-ऐश्वर्य व सुख-समृद्धि का आशीर्वाद देती है.
पूजन सामग्री
- अक्षत, कलावा, रोली, सिंदूर, लौंग,
- नारियल, लाल वस्त्र, फूल, पांच सुपारी,
- पान के पत्ते, घी, कलश, आम का पल्लव,
- चौकी, समिधा, हवन कुण्ड, हवन सामग्री,
- पंचामृत, फल, बताशे, मिठाईयां, हल्दी,
- अगरबत्ती, कुमकुम, इत्र, दीपक, रूई,
पूजन विधि
- सबसे पहले पूजा के लिए पूजा स्थान को अच्छे से साफ कर लें.
- फिर साफ स्थान पर एक चौकी बैठायें और उस पर लाल या पीले रंग का एक कपड़ा बिछाएं.
- फिर इस चौकी पर बीच में एक पानी भरे हुए कलश में एक सुपारी, एक सिक्का, गेंदे का फूल और थोड़ा अक्षत चावल डाल दें.
- कलश में आम के पल्लव को रखे और उसके ऊपर लाल कपड़े में एक नारियल लपेटकर रख दें.
- इसके बाद भगवान गणेश की मूर्ति स्थापित और उनके बाएं तरफ माता लक्ष्मी की मूर्ति स्थापित करें.
- अब भगवान गणेश और माता लक्ष्मी को तिलक लगाएं और फल-फूल का भोग लगाएं.
- इसके बाद घी का दीपक जला कर भगवान गणेश और माता लक्ष्मी की आरती करें.
Disclaimer: इस आर्टिकल में दी गई सारी जानकारी विभिन्न माध्यमों से ली गई है. किसी भी जानकारी के लिए इस क्षेत्र के विशेषज्ञ से सलाह लें.
No comments:
Post a Comment