रांची(RANCHI): भाजपा अपने उम्मीदवारों के नाम की आधिकारिक घोषणा जल्द कर सकती है. इससे पहले जिनका टिकट पक्का हो गया है उन्हे दिल्ली से फोन आ चुका है. बस आधिकारिक घोषणा बाकी है. अगर बात पहले चरण में होने वाले चुनाव की करें तो इसमें 43 सीट पर वोट होने है. इसमें पलामू प्रमंडल के साथ साथ दक्षिणी छोटा नागपुर के कई विधानसभा और कोल्हान की सीट शामिल है. इसमें शुरुआत करते है और बताते है कि आखिर भाजपा इस बार कर चुनाव में किसे मौका देने वाली है.किसका टिकट कन्फर्म हो गया है.
- सबसे पहले सरायकेला सीट की बात करते है. यहाँ से चंपाई सोरेन चुनावी अखाड़े में होंगे. मुख्यमंत्री तक का सफर इसी सीट से चुनाव जीत कर उन्होंने किया है. अब पहला मौका होगा जब चंपाई सोरेन कमल के निशान पर विधानसभा चुनाव लड़ेंगे. इस सीट से चंपाई सोरेन उम्मीदवार होंगे.
- इसके बाद झारखंड के पहले मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी कमल निशान पर चुनाव लड़ते दिखेंगे. पिछले 2019 के चुनाव में JVM के कंघी निशान पर चुनाव जीत कर विधानसभा पहुंचे. लेकिन बाद में JVM का विलय भाजपा में कर दिया. और अब इस चुनाव में राजधनवार से बाबूलाल कमल के निशान पर चुनाव में उतरेंगे. फिलहाल में भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष है और इनकी अपनी पकड़ इस सीट पर है.
- चंदन कियारी सीट पर अमर कुमार बाउरी भाजपा के उम्मीदवार होंगे. फिलहाल नेता प्रतिपक्ष है और लगातार दो बार से इस सीट पर जीत दर्ज कर रहे है. आपकों बता दें कि 2009 के विधानसभा चुनाव में उन्होंने चन्दनकियारी से झाविमों के टिकट पर चुनाव लड़ा था. लेकिन आजसू पार्टी के उम्मीदवार उमाकांत रजक से हार गए थे. जिसके बाद 2014 के चुनाव में बाउरी चंदनकियारी से झाविमो के टिकट पर विधायक चुने गए थे, ऐसे में अगर देखे तो चंदनकियारी सीट अमर बाउरी की परंपरागत सीट है.
- राजमहल विधानसभा क्षेत्र से विधायक अनंत ओझा को टिकट मिलने वाला है. इस सीट पर लागतर दो बार भाजपा का झण्डा बुलंद किया है. अब तीसरा मौका होगा जब कमल के निशान पर चुनाव लड़ेंगे. अनंत ओझा मुखर होकर आवाज उठाने वाले नेता में से एक है. सदन से सड़क तक सरकार को घेरते दिखते है.
- भवनाथपुर विधानसभा सीट पर भानु प्रताप शाही फिर से कमल के निशान पर अखाड़े में दिखेंगे. भानु प्रताप शाही इस क्षेत्र में तीसरी बार विधायक बने है. 2019 के चुनाव में पहली बार भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़े इससे पहले खुद की पार्टी नव जवान संघर्ष मोर्चा के टिकट पर चुनाव जीत कर सदन पहुंचे थे. अब फिर दूसरा मौका होगा जब कमल के निशान पर भानु चुनाव लड़ेंगे. अगर देखे तो निशान कोई भी हो भानु की अपनी पकड़ इस क्षेत्र में है और यही वजह है कि भावनाथपुर में पार्टी बदली लेकिन प्रत्याशी एक ही जीतता गया.
- हुसैनाबाद विधानसभा सीट पर पहली बार कमल के निशान पर विधायक कमलेश सिंह चुनाव लड़ते दिखेंगे. सूत्रों की माने तो इनके नाम पर भी मुहर लग गई है. 23 को कमलेश नामांकन भी करेंगे. बता दे कि हाल ही में घड़ी छोड़ के कमलेश कमल पर सवार हुए है. और अब हुसैनाबाद से कमल के निशान पर चुनाव लड़ेंगे. कमलेश सिंह दो बार विधायक बने है और एक बार मंत्री भी रह चुके है.
- दुमका सीट पर पूर्व सांसद सुनील सोरेन को मौका मिल सकता है. हालांकि सूत्रों की माने तो सुनील को केन्द्रीय नेतृत्व जमा से चुनाव लड़ाना चाह रही है और दुमका ने आखरी मौका लुईस मारांडी को देने की तैयारी है. जिससे दोनों सीट जीत सके. जामा में सुनील सोरेन दुर्गा सोरेन को हरा कर सुर्खियों में आए थे जिसके बाद फिर 2019 के लोकसभा चुनाव में दुमका लोकसभा सांसद का चुनाव लड़े और जीत भी मिली. अब वापस से इन्हे विधानसभा भेजने की तैयारी जामा से है.
- बोकारो से बिरंचि नारायण का टिकट भी पक्का है फिलहाल विधानसभा में मुख्य सचेतक है और इस बार के चुनाव में बोकारो से इन्हे फिर मौका मिलने वाला है. बिरंचि नारायण भाजपा के पुराने कैडर है.
अगर देखे तो अधिकतर सीटिंग विधायक को ही भाजपा टिकट देने की तैयारी में है. जिससे अधिक से अधिक सीट भाजपा के खाते में जाए. इस चुनाव में जरा सा भी रिस्क लेने के मूड में नहीं है. किसी तरह से राज्य की सत्ता में काबिज होने की तैयारी है. थोड़ा इंतजार करना होगा बस कुछ देर में आधिकारिक लिस्ट जारी हो सकती है.
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