WhatsApp Account Blocked: देश में डिजिटल अरेस्ट और साइबर फ्रॉड के मामले लगातार बढ़ते जा रहे हैं। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने गुरुवार 21 नवंबर को डिजिटल अरेस्ट और साइबर फ्रॉड पर एक बड़ी कार्रवाई की।
खबरों के मुताबिक गृह मंत्रालय ने 17 हजार व्हाट्सएप अकाउंट को ब्लॉक कर दिया है। बताया जा रहा है कि ये संदिग्ध खाते डिजिटल अरेस्ट और साइबर फ्रॉड के मामलों से जुड़े हुए हैं।
इस संबंध में केंद्रीय गृह मंत्रालय ने एक उच्च स्तरीय समिति का गठन किया था। इसके साथ ही गृह मंत्रालय की इंटरनल सिक्योरिटी के सचिव इस समिति की निगरानी कर रहे हैं। गृह मंत्रालय की साइबर विंग ने भी 709 मोबाइल ऐप्स को भी ब्लॉक कर दिया है।
जानकारी के मुताबिक, इस साल डिजिटल अरेस्ट की 6 हजार से ज्यादा शिकायतें दर्ज की गई हैं। 6 लाख मोबाइल फोन साइबर फ्रॉड और डिजिटल अरेस्ट की घटनाओं में शामिल पाए गए हैं। माना जा रहा है कि गृह मंत्रालय ऐसे अपराधों को रोकने के लिए आने वाले दिनों में और भी कड़े कदम उठा सकता है।
डिजिटल अरेस्ट क्या है?
डिजिटल अरेस्ट ब्लैकमेलिंग का एक नया और एडवांस तरीका है। डिजिटल अरेस्ट फ्रॉड के वे लोग शिकार हैं जो बहुत पढ़े-लिखे और चतुर हैं। डिजिटल अरेस्ट का सीधा सा मतलब है कि कोई आपको ऑनलाइन धमकी दे रहा है और वीडियो कॉलिंग के जरिए आपकी निगरानी कर रहा है।
डिजिटल अरेस्ट के दौरान साइबर ठग फर्जी पुलिस अधिकारी बनकर लोगों को धमकी देते हैं और उन्हें अपना शिकार बनाते हैं। इस दौरान वे लगातार लोगों को वीडियो कॉल पर बने रहने के लिए बोलते हैं और इसे खत्म करने के लिए पैसे ट्रांसफर करने को कहते हैं.
कैसे शुरू होता है डिजिटल अरेस्ट?
डिजिटल अरेस्ट एक मैसेज या फोन कॉल से शुरू होता है। डिजिटल अरेस्ट में जालसाज लोगों को फोन करते हैं और कहते हैं कि वे पुलिस विभाग या आयकर विभाग से बात कर रहे हैं। उनका कहना है कि आपके पैन और आधार के इस्तेमाल से कई चीजें खरीदी गई हैं या मनी लॉन्ड्रिंग की गई है। कभी-कभी यह भी दावा किया जाता है कि वे कस्टम डिपार्टमेंट से कॉल कर रहे हैं और आपके नाम पर एक पार्सल आया है जिसमें ड्रग्स या बैन सामान है।
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