world diabetes day 2024: किसी को डायबिटीज है लेकिन उसे पता ही नहीं है। देश के 50 प्रतिशत से ज्यादा लोगों का यही हाल है। वे नहीं जानते कि उन्हें डायबिटीज है। बढ़ते शुगर पेशेंट की वजह से भारत को डायबिटीज कैपिटल कहा जाता है। शहरों में करीब 10 से 12 प्रतिशत एडल्ट डायबिटीज का शिकार हैं। डायबिटीज कई बीमारियों का कारण बनती है, इसलिए इससे बचाव की कोशिश बेहद जरूरी है।
वैश्विक स्तर पर बढ़ती समस्या डायबिटीज
डायबिटीज की समस्या पूरी दुनिया में है। ये बढ़ती ही जा रही है। 2021 में 20 साल से लेकर 79 साल तक के 53.7 करोड़ लोग डायबिटीज से पीड़ित थे। हर 10 में से एक व्यक्ति शुगर पेशेंट था। एक्सपर्ट्स का कहना है कि डायबिटीज के पेशेंट की संख्या 2030 तक 643 मिलियन और 2045 तक 783 मिलियन हो सकती है।
डायबिटीज क्या है ?
हम जो खाना खाते हैं वो पेट में जाकर टूटता है। उसमें मौजूद ग्लूकोज यानी शुगर निकलनी शुरू होती है। पैनक्रियाज इन्सुलिन छोड़ता है। इससे ग्लूकोज पूरे शरीर में जाता है और हमें एनर्जी मिलती है। जब पैनक्रियाज से उचित मात्रा में इंसुलिन ना निकले तो ब्लड में ग्लूकोज का लेवल बढ़ने लगता है। इस स्थिति को डायबिटीज कहते हैं।
डायबिटीज के प्रकार
टाइप-1 डायबिटीज
बच्चों और युवाओं में जब शरीर इंसुलिन नहीं बना पाता तो शरीर पैनक्रियाज में कोशिकाओं को नष्ट कर देता है।
टाइप-2 डायबिटीज
ये सबसे आम प्रकार है। टाइप-2 डायबिटीज ज्यादातर लोगों को होता है। इसमें शरीर पर्याप्त मात्रा में इंसुलिन नहीं बनाया या उसका ठीक से इस्तेमाल नहीं कर पाता है।
गर्भकालीन डायबिटीज
ये गर्भवती महिलाओं में होता है। जब शरीर में ब्लड शुगर का स्तर बढ़ जाता है और डिलीवरी के बाद वापस नॉर्मल हो जाता है।
टाइप-2 डायबिटीज के लक्षण
टाइप-2 डायबिटीज जेनेटिक भी हो सकता है या खराब लाइफस्टाइल की वजह से आप इसके शिकार हो सकते है। कई लोगों को शुरुआत में कोई लक्षण पता नहीं चलता। कुछ लोग तो सालों तक नहीं जान पाते कि उन्हें डायबिटीज है।
50 फीसदी से ज्यादा लोग बीमारी से अनजान
WHO की रिपोर्ट के मुताबिक देश में 50 प्रतिशत से ज्यादा लोगों को अपनी डायबिटीज की स्थिति के बारे में पता नहीं है। अगर समय रहते इसका इलाज न किया जाए तो शरीर में कई गंभीर समस्याएं हो सकती हैं। आंखें, किडनी और तंत्रिकाएं खराब होने का खतरा हो सकता है।
77 मिलियन लोग टाइप-2 डायबिटीज के शिकार
देश में 18 साल से ज्यादा के 77 मिलियन लोग टाइप-2 डायबिटीज के शिकार हैं। करीब 25 मिलियन प्रीडायबिटिक हैं, जिनमें आने वाले समय में डायबिटीज का खतरा है। डायबिटीज के शिकार लोगों में हार्ट स्ट्रोक का खतरा 2 से 3 गुना ज्यादा होता है। पैरों में ब्लड फ्लो कम हो जाता है। इसके अलावा न्यूरोपैथी डैमेज की वजह से पैरों में संक्रमण हो सकता है। कुछ गंभीर मामलों में पैर काटने की नौबत भी आ सकती है।
डायबिटीज से बचाव के उपाय
क्या डायबिटीज स्पेशल फूड खाना सही ?
बाजार में कई चॉकलेट, कुकीज और बिस्किट डायबिटीज फ्रेंडली बताकर बेचे जाते हैं। डायबिटीज के मरीज को इन्हें खाने से बचना चाहिए। ये कैलोरी और सैचुरेटेड फैट के मामले में हाई रहते हैं। इनमें इस्तेमाल आर्टिफिशियल स्वीटनर लेक्सेटिव इफेक्ट पैदा करता है। ये फूड खाना सेफ नहीं है।
फलों से दूर रहें डायबिटीज पेशेंट
डायबिटीज के मरीजों के लिए फल नुकसानदेह हो सकते हैं। इनमें नैचुरल शुगर की मात्रा होती है। हालांकि ये बिस्किट और चॉकलेट से बेहतर होते हैं।
क्या ज्यादा चीनी खाने से होती है डायबिटीज ?
टाइप-1 डायबिटीज का ज्यादा चीनी खाने से कोई कनेक्शन नहीं होता है। ये जेनेटिक होता है। वहीं टाइप-2 डायबिटीज में भी चीनी का कोई हाथ नहीं होता है। हाई शुगर फूड अक्सर हाई कैलोरी फूड होता है जिससे मोटापा बढ़ता है। मोटापा डायबिटीज की सबसे बड़ी वजह है।
क्या नॉर्मल है टाइप-2 डायबिटीज ?
कई लोगों को लगता है कि टाइप-2 डाइबिटीज नॉर्मल होता है और इसके दुष्प्रभाव नहीं हैं, लेकिन ये बिल्कुल गलत है। टाइप-2 डायबिटीज का सही ट्रीटमेंट जरूरी है नहीं तो इसके गंभीर परिणाम हो सकते हैं।
कभी मीठा नहीं खा सकते डायबिटीज पेशेंट ?
अगर आप टाइप-2 डाइबिटिक हैं और काफी मीठे फूड्स खा रहे हैं तो ब्लड शुगर लेवल कभी नॉर्मल नहीं होगा। अगर आपने लाइफ स्टाइल में बदलाव करके एक बार दवा से शुगर लेवल नॉर्मल कर लिया है तो कभी-कभार मीठे फूड्स खा सकते हैं। रोज मीठा नहीं खाना चाहिए।
डायबिटिक पेशेंट के लिए अलग डाइट ?
वैसे डाइबिटीज के पेशेंट के लिए अलग से तो कोई डाइट नहीं होती पर उसकी थाली में शुगरी फूड नहीं होते। हेल्दी, बैलेंस्ड डाइट होती है जिसमें फल, सब्जियां, दाल, लो फैट डेयरी प्रोडक्ट, अंडे, मछली जैसी चीजें होती हैं।
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