MP MNREGA Scam: मेहगांव की ग्राम पंचायत पचेरा में मनरेगा योजना के तहत मजदूरों की जगह जेसीबी से खेत में तालाब निर्माण का मामला सामने आया है।
इस मामले में आरोप है कि सरपंच और तत्कालीन प्रभारी सचिव ने मजदूरों के फर्जी मस्टर भरकर मनरेगा के तहत 3.85 लाख रूपए का भुगतान दिखाया।
मामले कि जांच के बाद मेहगांव पुलिस ने सरपंच मायाराम जाटव और तत्कालीन प्रभारी सचिव गिर्राज बैस के खिलाफ केस दर्ज कर लिया है।
क्या है मामला ?
मेहगांव कि ग्राम पंचायत पचेरा गांव के हितग्राही कन्हैयालाल जाटव कि जमीन, जिसका सर्वे क्रमांक 1675/2 है, पर खेत तालाब निर्माण कि स्वीकृति दी गई थी।
इस कार्य को करने के लिए मेहगांव निवासी दीपू कटारे कि जेसीबी मशीन (एमपी 07 डीए 1352) का उपयोग कर तालाब कि खुदाई कि गई।
इसके बावजूद, इस कार्य को मनरेगा के मजदूरों द्वारा पूरा किए जाने का दावा करते हुए 7 जून 2023 से 28 मई 2024 के बीच फर्जी मस्टर भरे गए। इस तरह 3.85 लाख रूपए का बिल तैयार किया गया और इसमें से 2 लाख 5 हजार रूपए निकल लिए गए ।
नाम का हुआ गलत उपयोग
मामले का खुलासा तब हुआ जब खेत मालिक कन्हैयालाल जाटव ने इस मुद्दे को उठाया और तहसीलदार द्वारा जांच की गई। जांच में यह पाया गया कि तालाब का निर्माण कार्य जेसीबी मशीन से हुआ था और मजदूरों की जगह उनके नाम का गलत उपयोग किया गया।
तहसीलदार की रिपोर्ट के आधार पर, मेहगांव जनपद में पदस्थ खंड अधिकारी शिवराम सिंह नरवरिया ने मेहगांव थाने में सरपंच मायाराम जाटव और तत्कालीन सचिव गिर्राज बैस के खिलाफ मामला दर्ज कराया है।
इस मामले में कानूनी कार्रवाई की जा रही है ताकि मनरेगा जैसी सरकारी योजनाओं में भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाया जा सके और दोषियों को दंड दिया जा सके।
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