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Friday, November 15, 2024

फुल पावर में लौट रहा है शनि मार्गी, किस्मत बदलने के लिए करें ये उपाय

 


Shani Margi 2024 : सभी ग्रहों में शनि का विशेष महत्व है, और कल यानी 15 नवंबर 2024 को शनि की चाल में बड़ा बदलाव आने वाला है। इस परिवर्तन का प्रभाव मेष, वृषभ, मिथुन, कर्क, सिंह, कन्या, तुला, वृश्चिक, धनु, मकर, कुंभ और मीन राशि पर व्यापक रूप से पड़ेगा। इतना ही नहीं, शनि का यह परिवर्तन देश और दुनिया पर भी असर डालेगा।

शनि का विशेष महत्व

शनि देव सभी ग्रहों में विशेष स्थान रखते हैं और इन्हें न्याय का देवता माना जाता है। भगवान शिव ने शनि को यह उपाधि प्रदान की है। जब भी शनि अपनी चाल में बदलाव करते हैं, इसे ज्योतिष में अत्यधिक महत्वपूर्ण माना जाता है क्योंकि इसका प्रभाव व्यक्तिगत और वैश्विक स्तर पर देखने को मिलता है।

शनि मार्गी कब होंगे 2024 में?

हिंदू पंचांग के अनुसार, 15 नवंबर 2024, कार्तिक पूर्णिमा के दिन शनि देव वक्री से मार्गी होंगे। लगभग 139 दिनों के बाद शनि की चाल में यह बदलाव होगा, जो मेष, वृष, मिथुन, कर्क, सिंह, कन्या, तुला, वृश्चिक, धनु, मकर, कुंभ और मीन राशियों को व्यापक रूप से प्रभावित करेगा।

शनि मार्गी का फल

शनि देव की चाल बदलने से अप्रत्याशित परिणाम सामने आते हैं। शनि का स्वभाव क्रूर और न्यायप्रिय होता है, जो कठिन परिश्रम करने वालों का सम्मान करता है और उन्हें लाभ प्रदान करता है। लेकिन जो व्यक्ति गलत काम करते हैं, उन्हें शनि कठोर दंड देते हैं।

शनि कब देते हैं दंड?

शनि विशेष गोचर अवस्था में दंड देने का काम करते हैं। साढ़े साती, ढैय्या, महादशा, और मार्गी अवस्था में शनि अधिक शक्तिशाली होते हैं और उन लोगों को दंड देते हैं जो अनैतिक कार्य करते हैं। शनि खराब होने पर कोर्ट कचहरी के चक्कर, स्वास्थ्य समस्याएं, संबंधों में खटास, धन और प्रतिष्ठा की हानि जैसे नकारात्मक प्रभाव देखने को मिलते हैं।

शनि के उपाय Shani Margi 2024

  • शनिवार को शनि पूजा: शनिवार के दिन शनि मंदिर में जाकर सरसों का तेल चढ़ाएं और पूजा करें।
  • शनि चालीसा का पाठ: प्रतिदिन शनि चालीसा का पाठ करने से शनि की कृपा प्राप्त होती है।
  • कुष्ठ रोगियों की सेवा: रोगियों की सेवा और जरूरतमंदों की सहायता करने से शनि प्रसन्न होते हैं।
  • निर्धन और कमजोर वर्ग की सहायता: गरीबों की मदद करें, जो शनि को प्रिय है।
  • पर्यावरण का संरक्षण: जीव-जंतु और पर्यावरण का ध्यान रखें।
  • शनि बीज मंत्र का जाप: प्रतिदिन “ॐ प्रां प्रीं प्रौं सः शनैश्चराय नमः” मंत्र का जाप करें।

शनि का यह परिवर्तन जीवन में सकारात्मक और नकारात्मक दोनों तरह के परिणाम ला सकता है, इसलिए इन्हें संतुलित और शांत रखने के लिए उपायों का पालन करना जरूरी है।

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