Manipur Violence Update: मणिपुर में एक बार फिर हिंसा भड़क उठी है। नेशनल पीपुल्स पार्टी (एनपीपी) ने यहां कमजोर कानून व्यवस्था का हवाला देते हुए और सरकार पर वर्ष के दौरान हिंसा को रोकने में विफल रहने का आरोप लगाते हुए भारतीय जनता पार्टी के नेतृत्व वाली गठबंधन सरकार से अपना समर्थन वापस ले लिया है।
आपको बता दें कि मणिपुर में मई 2023 में मैतेई और कुकी समुदायों के बीच झड़प के बाद हिंसा शुरू हुई थी। मणिपुर में शनिवार को उस वक्त हिंसक आंदोलन भड़क गया जब प्रदर्शनकारियों ने मुख्यमंत्री बीरेन सिंह के पैतृक घर और राज्य के तीन मंत्रियों के आवासों पर हमला कर दिया।
जरूरी कदम उठाने का निर्देश
मणिपुर हिंसा के बाद गृह मंत्री अमित शाह ने महाराष्ट्र में अपनी चुनावी रैली रद्द कर दी और रविवार 17 नवंबर को दिल्ली लौट आए। यहां उन्होंने मणिपुर के ताजा हालात पर गृह मंत्रालय और सुरक्षा एजेंसियों के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक की।
बैठक में गृह मंत्री ने पिछले दो दिनों की समीक्षा की और ताजा हालात को ध्यान में रखते हुए हिंसा रोकने और तनाव कम करने के लिए जरूरी कदम उठाने के निर्देश दिए।
इन 7 जिलों में इंटरनेट बंद
मणिपुर में गुस्साए प्रदर्शनकारियों ने तीन मंत्रियों समेत पांच विधायकों के घरों पर हमला कर दिया है। जिसके बाद मुख्य सचिव विनीत जोशी ने आदेश जारी कर सात जिलों इंफाल पश्चिम, इंफाल पूर्व, बिष्णुपुर, थौबल, काकचिंग, कांगकोकपी और चुराचांदपुर में इंटरनेट सेवा फिलहाल बंद कर दी है.
क्यों और कैसे भड़की हिंसा?
आपको बता दें कि 12 नवंबर को आतंकियों ने जिरीबाम जिले के एक गांव पर हमला कर दिया था। जवाबी कार्रवाई में सुरक्षा बलों ने मुठभेड़ के बाद 10 आतंकियों को मार गिराया।
इसके बाद इलाके में तनाव फैल गया और हिंसा भड़क उठी। 14 नवंबर को जिरीबाम में दो नागरिकों के शव मिले थे और बाद में एक ही परिवार के छह सदस्यों का अपहरण हुआ था।
मुर्शिदाबाद में सांप्रदायिक हिंसा में 50 लोग घायल
मुर्शिदाबाद में सांप्रदायिक हिंसा भड़क गई, जिसमें दो समुदायों के करीब 50 लोग घायल हो गए और 30 से ज्यादा घरों में तोड़फोड़ की गई।
फिलहाल पूरे इलाके में रैपिड एक्शन फोर्स समेत भारी पुलिस बल तैनात है। आपको बता दें कि मुर्शिदाबाद जिले के बेलडांगा शहर और आसपास के इलाकों में सांप्रदायिक झड़पें हुई हैं।
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