Dharma Sansad: दिल्ली में हुई तीसरी सनातन धर्म संसद में संतों ने सनातन बोर्ड बनाने की मांग की। कार्यक्रम में द्वारकापीठ के शंकराचार्य सदानंद सरस्वती समेत देश के प्रमुख 50-60 संत, साध्वी और कथावाचक शामिल हुए थे। धर्म संसद में एक हजार से ज्यादा लोग शामिल हुए थे।
सनातन बोर्ड बनाने की मांग
कथावाचक देवकीनंदन ने वक्फ बोर्ड की तरह सनातन बोर्ड बनाने की मांग की। उन्होंने कहा कि हमें नहीं भूलना चाहिए कि आंध्र प्रदेश में तिरुपति बालाजी मंदिर के प्रसादम में चर्बी मिलाकर हमें खिलाई गई। उन्होंने चौथी धर्म संसद अगले साल प्रयागराज में होने जा रहे कुंभ मेले में रखने की बात भी कही।
सनातनी ही भारत के मूल निवासी
शंकराचार्य सरस्वती ने कहा कि सनातन धर्म वाला ही भारत देश का मूल निवासी है। सभी को रहने का अधिकार है वो अलग बात है, लेकिन हमारे ऊपर आक्रमण करने का अधिकार किसी को नहीं है।
‘हिंदुओं को एक होना चाहिए’
सदानंद सरस्वती ने कहा कि द्वारकापीठ शंकराचार्य यदि हम (हिंदू) अपने स्वधर्म को नहीं पहचानेंगे तो हमें इसी तरह अपमानित होना पड़ेगा। दूसरे लोग हम पर शासन करते रहेंगे। हिंदुओं को एक होना चाहिए। देश में रहने की सभी को अनुमति है। संविधान के अनुसार सभी निवास कर सकते हैं। लेकिन जब हमारी एकता को तोड़ने का प्रयास किया जाता है और विशेष धर्म के द्वारा दूसरे धर्म पर आघात किया जाता है। तो हमें हमारी सुरक्षा करने का अधिकार होना चाहिए। सरकार को घुसपैठ रोकना चाहिए। क्योंकि वे लोग वोटर बनकर हमारी जनसंख्या कम करके शासन में प्रवेश करना चाहते हैं।
पंडित प्रदीप मिश्रा ने क्या कहा ?
कुबरेश्वर धाम के पंडित प्रदीप मिश्रा ने कहा कि आपके (लोगों) घर में जितने सदस्य रहते हैं, सभी के पास शस्त्र और शास्त्र दोनों हों। हमारे देवता बिना शस्त्र के नहीं चलते, इसलिए आप हमारे हमारे शस्त्र और शास्त्रों का साथ बनाकर चलें।
महंत राजू दास हनुमानगढ़ी ने क्या कहा ?
महंत राजू दास हनुमानगढ़ी ने कहा कि जग जाओ, अगर नहीं जागे तो जम्मू कश्मीर से भगा दिए गए हो, दिल्ली के झुग्गी-झोपड़ी में रहते हो। आज बांग्लादेश से भी मारे-काटे और भगाए जा रहे हो, लेकिन भारत से कहां जाओगे ? कहीं जगह तो नहीं है न, हिंदुस्तान ही एक सेफ जगह है, सनातनियों और हिंदुओं के लिए, जब हिन्दू ऐसे सेक्युलर हो जाएगा तो कैसे काम चलेगा ?
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