द साबरमती रिपोर्ट रिव्यू: विक्रांत की एक्टिंग ने फिर जीता दिल, क्या कहानी ने भी दिखाया कमाल? पढ़ें फिल्म का रिव्यू! - Newztezz

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Friday, November 15, 2024

द साबरमती रिपोर्ट रिव्यू: विक्रांत की एक्टिंग ने फिर जीता दिल, क्या कहानी ने भी दिखाया कमाल? पढ़ें फिल्म का रिव्यू!

 


The Sabarmati Report Review: द साबरमती रिपोर्ट: विक्रांत मैसी स्टारर फिल्म ‘द साबरमती रिपोर्ट’ शुक्रवार 15 नवंबर को रिलीज हो गई है। यह फिल्म इस साल की मोस्ट अवेटेड फिल्मों में से एक है, इस फिल्म के जरिए एक्टर एक बार फिर बड़े पर्दे पर नजर आएंगे। धीरज सरना द्वारा निर्देशित इस फिल्म का बेसब्री से इंतजार किया जा रहा था क्योंकि यह फिल्म गुजरात के गोधरा कांड पर आधारित है।

आपको बता दें कि फिल्म की कहानी में लोगों को साबरमती एक्सप्रेस में लगी आग की दुखद कहानी देखने को मिलने वाली है। अब जब फिल्म सिनेमाघरों में रिलीज हो चुकी है तो आइए जानते हैं कि दर्शकों को फिल्म कितनी पसंद आ रही है और उनसे इसे किस तरह के रिव्यू मिल रहे हैं। आपको बता दें कि इस फिल्म में विक्रांत के अलावा राशि खन्ना और रिद्धि डोगरा भी नजर आएंगी।

ट्रेलर रिलीज के बाद मिली धमकी!

खबरों के मुताबिक, ‘द साबरमती रिपोर्ट’ के ट्रेलर रिलीज के बाद एक्टर और उनके पूरे परिवार को धमकियां मिलीं। इतना ही नहीं इसमें विक्रांत के महज 9 महीने के बेटे को भी इसमें खींच लिया गया।

दर्शकों के रिव्यू

सोशल मीडिया हैंडल एक्स पर एक यूजर ने इस फिल्म को लेकर रिव्यू देते हुए लिखा कि ‘द साबरमती रिपोर्ट’ देखी। पहला पार्ट एंटरटेनिंग है। दूसरा भाग थोड़ा स्लो है। 2002 के गोधरा ट्रेन अग्निकांड को फिल्म में शानदार ढंग से दिखाया गया है।

एक अन्य यूजर ने लिखा-ऐसा अक्सर नहीं होता कि कोई फिल्म आपके द्वारा सोचे गए हर उस तथ्य को चुनौती दे जो आप जानते हैं #TheSabarmatiReport ऐसा ही करती है। बेहतरीन अभिनय कहानी को और भी प्रभावशाली बनाता है। यह सच्चाई की यात्रा है, जिसे ऐसे कलाकारों ने बताया है जो हर पल को अविस्मरणीय बनाते हैं। #TheSabarmatiReportRevie

क्या है फिल्म की कहानी

‘द साबरमती रिपोर्ट’ में एक हिंदी पत्रकार समर कुमार (विक्रांत मैसी) हैं, जो एक फिल्म बीट को कवर करते हैं। फिल्म उद्योग और अंग्रेजी बोलने वाले पत्रकारों द्वारा उन्हें हमेशा हेय दृष्टि से देखा जाता है। दूसरी ओर, मनिका (रिद्धि डोगरा) एक तेज-तर्रार अंग्रेजी समाचार एंकर है जिसका मीडिया में दबदबा है।

27 फरवरी 2002 को गोधरा में साबरमती एक्सप्रेस के एस6 कोच में आग लगने से 59 कार सेवकों की मौत हो गई। मनिका इस घटना को कवर करने के लिए गोधरा जाती है और समर को अपने कैमरा मैन के रूप में अपने साथ ले जाती है।

समर इसे अपने करियर के लिए एक ‘सुनहरा अवसर’ मानता है, लेकिन जब मनिका अपने बॉस के कहने पर पूरी घटना को पलट देती है और जनता के सामने झूठी रिपोर्ट पेश करती है, तो समर हैरान रह जाता है।

वह सच्चाई उजागर करने के लिए अपनी रिपोर्ट तैयार करता है, लेकिन चैनल बॉस उसे नौकरी से निकाल देता है इसके साथ ही उसपर कैमरा चोरी के आरोप में जेल भी भेज दिया जाता है।

समर का जीवन संघर्षों से भरा हो जाता है – बेरोजगार, शराब का आदी और समाज से अलग कर दिया गया। इस बीच, चैनल के अधिकारियों और मनिका को नानावती आयोग की रिपोर्ट के बाद फर्जी खबरों के उजागर होने का डर सता रहा है।

मनिका अपने चैनल की नई रिपोर्टर अमृता (राशि खन्ना) को गोधरा भेजती है, ताकि वह अपनी रिपोर्ट को मजबूत कर सके और राज्य सरकार को दोषी ठहरा सके।

अमृता को समर की रिपोर्ट का वीडियो मिल जाता है, और वह उसे इसे अपने साथ गोधरा ले जाने के लिए मना लेती है। इस प्रकार, वे मिलकर गोधरा कांड की सच्चाई तक पहुंचते हैं और 59 निर्दोष लोगों के साथ हुई त्रासदी को दुनिया के सामने लाते हैं।

फिल्म की धीमी शुरुआत 

विक्रांत मैसी की ‘द साबरमती रिपोर्ट’ को लोगों से अच्छे रिव्यू मिले हैं, लेकिन बॉक्स ऑफिस पर फिल्म की शुरुआत धीमी रही है।

क्या है गोधरा कांड (Godhra Kand)?

आज से 22 साल पहले यानी सन 2002 में फरवरी महीने की 27 तारीख थी। ये वही मनहूस दिन था जब गुजरात के गोधरा नामक स्थान पर साबरमती एक्सप्रेस के एस-6 कोच में आग लगा दी गई। इस कोच में कारसेवक सवार थे, जो अयोध्या से आ रहे थे। इस अग्निकांड में 59 लोग जिंदा जल गए (The Sabarmati Report) थे।

गोधरा कांड के बाद हुए सांप्रदायिक दंगे

गोधराकांड के एक दिन बाद यानी 28 फरवरी को देश ने आजादी के बाद सबसे बड़ी त्रासदी को देखा। पूरे गुजरात को दंगों ने अपनी चपेट में ले लिया था। करीब 3 महीनों तक अहमदाबाद और इसके आसपास के इलाके इस त्रासदी से जूझते रहे। इन सांप्रदायिक दंगों की चपेट में आए करीब 1000 लोगों ने अपनी जान (The Sabarmati Report) गंवाई।

गोधरा कांड के दौरान गुजरात के CM थे नरेंद्र मोदी

बता दें कि जब गुजरात में गोधरा कांड हुआ उस दौरान पीएम नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) गुजरात के मुख्यमंत्री थे। इस घटना के कुछ दिनों बाद ही 2 मार्च को उन्होंने गोधरा कांड की जांच के लिए नानावटी-शाह आयोग का गठन किया था। इसमें हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट के रिटायर्ज जज केजी शाह और जीटी नानावटी को सदस्य बनाया (The Sabarmati Report) गया।

गोधरा कांड थी सोची-समझी साजिश-रिपोर्ट

इस आयोग ने सितंबर 2008 में रिपोर्ट का पहला हिस्सा पेश किया। जिसमें गोदरा कांड को एक सोची-समझी साजिश बताया गया और तत्कालीन सीएम नरेंद्र मोदी और मंत्रियों समेत कई सीनियर ऑफिसर्स को क्लीनचिट दे दी (The Sabarmati Report) गई।

एक्टर विक्रांत मैसी का क्या है कहना?

एक्टर विक्रांत मैसी ने एक मीडिया हाउस को दिए इंटरव्यू में कहा है कि – 28 फरवरी के गुजरात दंगों को पूरी दुनिया ने छापा, लेकिन उसके एक दिन पहले हुए गोधरा कांड पर क्या हुआ? इसके बारे में अब भी बहुत ज्यादा बात नहीं होती। विक्रांत ने आगे कहा- इस कांड में जिन 59 लोगों की मौत हुई उनमें से तीन के नाम भी लोग नहीं जानते। ये बड़े दुर्भाग्य की बात है।

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