Supreme Court : भारत के सुप्रीम कोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाया है। सुप्रीम कोर्ट का यह बड़ा फैसला सरकार द्वारा जमीन अधिग्रहण के मामले में बहुत ही महत्वपूर्ण माना जा रहा है। सुप्रीम कोर्ट के ताजे फैसले के कारण किसी भी नागरिक की जमीन को सरकार जबरन अधिग्रहित नहीं कर सकती है। सुप्रीम कोर्ट का यह फैसला हिमाचल प्रदेश की सरकार के खिलाफ आया है। भले ही सुप्रीम कोर्ट का फैसला हिमाचल के मामले में भले ही आया हो किन्तु यह फैसला पूरे देश के लिए बड़ा उदाहरण बनेगा।
क्या है सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला?
भारत के सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को बड़ा फैसला सुनाया है। अपने फैसले में सुप्रीम कोर्ट ने सभी राज्य सरकारों को खास निर्देश दिए हैं। अपने फैसले में सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि, सरकारें बिना उचित मुआवजा दिए आम लोगों की जमीन का अधिग्रहण नहीं कर सकतीं। शिमला हाईकोर्ट के आदेश के खिलाफ हिमाचल प्रदेश सरकार व अन्य की याचिकाएं खारिज करते हुए शीर्ष कोर्ट ने यह फैसला सुनाया। जस्टिस बीआर गवई और जस्टिस केवी विश्वनाथन की पीठ ने कहा, भले ही संपत्ति का अधिकार मौलिक नहीं रह गया, पर यह आज भी संवैधानिक अधिकार है। राज्य को बिना उचित मुआवजा दिए निजी संपत्तियों पर कब्जा करने का अधिकार नहीं दिया जा सकता।
सुप्रीम कोर्ट की पीठ ने कहा कि उसके सामने कई मामले आए हैं। जिनमें हिमाचल सरकार ने हाईकोर्ट के कई फैसलों को चुनौती दी है और हाईकोर्ट ने भूमि स्वामियों को मुआवजे के भुगतान का आदेश दे रखा है। इन हालात में सरकार की ओर से भारी-भरकम खर्च पर दायर इन याचिकाओं को खारिज करना न्यायोचित होगा। हालांकि ऐसा करने से खुद को रोकते हुए हम सिर्फ इन विशेष अनुमति याचिकाओं को खारिज करने तक आदेश को सीमित कर रहे हैं।
इस मामले में भूमि मालिकों ने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर कहा था कि, राज्य सरकार ने सड़क निर्माण के लिए उनकी जमीनें ले लीं लेकिन मुआवजा नहीं दिया गया। हाईकोर्ट ने हिमाचल सरकार को भूमि स्वामियों को मुआवजा देने का आदेश दिया था।
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