दुमका (DUMKA): झारखंड विधानसभा चुनाव को लेकर प्रचार प्रसार जोर पर है. पहले चरण के लिए प्रचार का शोर 11 नवंबर को थम जाएगा. 12 नवंबर से दूसरे चरण के मतदान के लिए प्रचार जोर पकड़ेगा. विभिन्न राजनीतिक दलों के स्टार प्रचारकों के झारखंड आने का सिलसिला शुरू है.
कोयलांचल के बाद संताल परगना की धरती पर पीएम की जनसभा
10 नवंबर को कोयलांचल की धरती से गरजने वाले पीएम नरेंद्र मोदी 13 नवंबर को संताल परगना की धरती से चुनावी जनसभा को संबोधित करेंगे. संताल परगना की धरती पर दो जगह पीएम की सभा है. देवघर जिला के मधुपुर अनुमंडल के करों प्रखंड के सिरसा मैदान और गोड्डा के सिकटिया मैदान में पीएम मोदी जनसभा को संबोधित कर प्रत्याशी के पक्ष में मतदान की अपील करेंगे.
एसटी आरक्षित सीट के बजाय पीएम मोदी की दोनों ही सभा सामान्य सीट से
संताल परगना प्रमंडल में इस बार पीएम नरेंद्र मोदी की चुनावी सभा कई मायनों में अलग है. दोनों ही सभा गोड्डा लोक सभा क्षेत्र में है. निश्चित रूप से इसके लिए गोड्डा सांसद डॉ निशिकांत दुबे बधाई के पात्र हैं. लेकिन संताल परगना प्रमंडल में एसटी आरक्षित सीट पर पीएम मोदी की जनसभा नहीं होना भी चर्चा का विषय बना हुआ है.
भाजपा ने कभी देखा था झामुमो मुक्त संताल परगना का सपना, की थी जीतोड़ मेहनत
संताल परगना प्रमंडल में कुल 18 विधानसभा सीट आता है.जिसमें 7 एसटी आरक्षित सीट है वर्ष 2019 के चुनाव में प्रमंडल के सभी एसटी सीट पर झामुमो ने जीत का परचम लहराया था. हालिया संपन्न लोकसभा चुनाव में प्रमंडल के दोनों आरक्षित सीट पर जेएमएम को सफलता मिली तो सामान्य सीट पर भाजपा को. संताल परगना प्रमंडल को झामुमो का गढ़ माना जाता है. वर्ष 2019 के चुनाव में भाजपा ने सेंधमारी कर संताल परगना प्रमंडल में बेहतर प्रदर्शन किया. सीएम के रूप में रघुवर दास संताल परगना के दौरे पर रहे. भाजपा का पूरा फोकस संताल समाज के मतदाताओं पर रहा. संताल परगना की धरती से पीएम मोदी ने मुद्रा योजना सहित कई योजनाओं की शुरुआत की. एक समय ऐसा भी आया जब अति उत्साहित भाजपा ने झामुमो मुक्त संताल परगना का नारा दिया. लेकिन 2019 के चुनाव में भाजपा को अपेक्षित सफलता नहीं मिली.
सशक्त विपक्ष के रूप में भी भाजपा के फोकस में रहा संताल परगना
वर्ष 2019 से सशक्त विपक्ष के रूप में भी भाजपा संताल परगना प्रमंडल पर फोकस रखा. बांग्लादेशी घुसपैठ, बदलती डेमोग्राफी, अवैध 1खनन सहित कई मुद्दों को लेकर सड़क से सदन तक संघर्ष करने वाली भाजपा ने विधानसभा चुनाव में माटी, बेटी और रोटी की सुरक्षा को चुनावी मुद्दा बनाया है. इसके बाबजूद संताल परगना के एसटी सीट से पीएम की जनसभा का नहीं होना अपने आप में हैरान करने वाला है.
चुनावी रणनीति या मोह भंग!
राजनीति के जानकार का मानना है कि भाजपा रणनीति के तहत ऐसा कर रही है. 2019 के चुनाव में भाजपा अकेले चुनाव लड़ी और 25 सीट पर जीत मिली. इस बार भाजपा गठबंधन के तहत चुनाव लड़ रही है. वहीं सुरक्षित सीट पर जीत सुनिश्चित करने के लिए चंपई सोरेन, लेविन हेंब्रम, गीता कोड़ा सरीखे नेता को मैदान में उतरा है. सोच यह हो सकती है कि अधिक से अधिक सामान्य सीट पर जीत सुनिश्चित हो सके. क्योंकि एसटी सीट पर इंडी गठबंधन का दबदबा रहेगा. इस स्थिति में भाजपा का पूरा फोकस अब सामान्य सीट पर हो गया है.
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