Atul Subhash Sucide Case: बेंगलुरु के टेक इंजीनियर अतुल सुभाष की आत्महत्या से पूरा देश इस समय गहरे सदमे में है। सोशल मीडिया के अलावा देश के बड़े न्यूज़ चैनल भी इस दुखद घटना को लेकर अपनी आवाज़ उठा रहे हैं। देश की आम जनता से लेकर पत्रकारों और पुरुषों के हितों में काम करने वाले कई एनजीओ ने देश की न्याय व्यवस्था में बदलाव की मांग की है।
इस दुखद घटना पर न्याय प्रयास फाउंडेशन (NPF) ने भारतीय न्याय व्यवस्था में सुधार को लेकर प्रेस विज्ञप्ति जारी कर मांग की
बेंगलुरु के एक टेक्नोलॉजी एक्सपर्ट, अतुल सुभाष की आत्महत्या ने हमारी न्याय प्रणाली की बड़ी खामियों को उजागर कर दिया है। जो संस्थान लोगों को सुरक्षा और मदद देने के लिए बनाए गए हैं, वही कई बार उत्पीड़न का कारण बन जाते हैं। अतुल का मामला अकेला नहीं है। यह एक बड़ी समस्या का हिस्सा है, जिसमें ऐसी व्यवस्थाएं शामिल हैं जो पुरुषों को मानसिक, सामाजिक और आर्थिक तौर पर बर्बाद करने का काम करती हैं।
न्याय प्रयास फाउंडेशन (NPF) ने सरकार और न्यायपालिका से अपील की है कि वे इस गंभीर मसले पर ध्यान दें और इस तरह की घटनाओं के पीछे के कारणों को खत्म करने के लिए जरूरी कदम उठाएं। यह वक्त है कि भारत में पुरुषों की समस्याओं को भी गंभीरता से लिया जाए और एक बेहतर, संतुलित समाज बनाने की दिशा में काम किया जाए। इसके लिए NPF ने कुछ सुझाव दिए हैं:
1. पुलिस और न्यायिक सुधार
NPF ने मांग की है कि वैवाहिक विवादों से जुड़े मामलों (जैसे 498ए, 323, 506) में पुलिस की भूमिका सीमित की जाए। आरोप लगाने से पहले न्यायिक अधिकारी खुद साक्ष्य की जांच करें। इससे पुलिस और अदालतों दोनों का काम आसान होगा और उत्पीड़न के मामलों में कमी आएगी।
2. एक जगह सभी वैवाहिक मामलों का निपटारा
वैवाहिक विवादों में अक्सर कई अलग-अलग अदालतों में केस चलते हैं। NPF ने सुझाव दिया है कि सभी मामलों को एक ही अदालत में, एक ही नंबर के तहत रखा जाए। इससे सुनवाई जल्दी होगी और लोगों को बार-बार अलग-अलग अदालतों के चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे।
3. वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग का सख्ती से पालन
सुप्रीम कोर्ट ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग और तकनीक के इस्तेमाल को बढ़ावा देने के निर्देश दिए हैं। NPF चाहता है कि यह सुविधा सभी अदालतों में लागू हो, ताकि लोगों को बार-बार अदालत आने की परेशानी न हो और समय की बचत हो।
4. बच्चों की भलाई सबसे जरूरी
तलाक या वैवाहिक विवादों में सबसे ज्यादा नुकसान बच्चों का होता है। NPF ने कहा है कि माता-पिता के विवाद में बच्चों का स्नेह और अधिकार छीनना बंद किया जाए। साझा अभिभावकत्व (शेयर पेरेंटिंग) को लागू किया जाए, ताकि बच्चे दोनों अभिभावकों से जुड़ाव महसूस कर सकें।
न्याय प्रयास फाउंडेशन के बारे में
न्याय प्रयास फाउंडेशन का मिशन उन पुरुषों के लिए कानूनी शिक्षा, मनोवैज्ञानिक स्वास्थ्य और सहायता सेवाएँ प्रदान करना है जो #लिंग पक्षपाती कानूनों, कारावास, गरीबी, बेघर होने और आपराधिक न्याय प्रणाली में शामिल होने के कारण वंचित स्थिति में हैं।
हमारा लक्ष्य कानूनी शिक्षा प्रदान करके कानूनी प्रणाली को बदलना है। हमारा इरादा मानवाधिकारों की रक्षा और #लिंग पक्षपाती कानूनों के खिलाफ़ लड़ने के लिए सहायता प्रदान करना कानूनी मसौदा तैयार करने की व्यवस्था प्रदान करने के लिए विशेष गहन प्रशिक्षण प्रदान करना है।
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