90 के दशक की चर्चित बॉलीवुड एक्ट्रेस ममता कुलकर्णी सुर्खियों में छाई हुई है. उनके सुर्खियों में रहने की वजह यह है कि प्रयागराज में महाकुंभ में उन्होंने अपने सांसारिक जीवन का त्याग कर संन्यास की दीक्षा ले ली. इसके साथ ही ममता को किन्नर समाज के महामंडलेश्वर की उपाधि दी गई. उन्होंने खुद जीते जी अपना पिंडदान कर लिया. शुक्रवार की शाम ममता कुलकर्णी का पट्टाभिषेक किया गया. जब उनका पट्टाभिषेक किया जा रहा था तब उनकी आँखों से अश्रुधार बह रहे थे. संन्यास लेने के बाद उन्होंने भगवा वस्त्र धारण कर लोगों को अपना नया नाम बताया. उनका नया नाम श्री यमाई ममता नंद गिरि रखा गया है. अब हर तरफ यह चर्चा है कि आखिर बॉलीवुड की इस चर्चित हीरोइन ने संन्यास क्यों ले लिया है.
ममता ने कहा- “यह महादेव, महाकाली का आदेश था"
वहीं जब ममता कुलकर्णी से पूछा गया कि उन्होंने संन्यासी का जीवन क्यों चुना तो उन्होंने कहा कि, “यह महादेव, महाकाली का आदेश था. यह मेरे गुरु का आदेश था. उन्होंने यह दिन चुना. मैंने कुछ नहीं किया.” ममता कुलकर्णी ने कहा कि उन्होंने कुपोली आश्रम में जूना अखाड़ा के चैतन्य गगन गिरि महाराज से 23 साल पूर्व दीक्षा ली थी और वह दो साल से लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी के संपर्क में हैं
किन्नर अखाड़े की आचार्य लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी ने क्या कहा
इस मामले में किन्नर अखाड़े की आचार्य लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी ने ANI को दिये इंटरव्यू में बताया है कि नारायण किन्नर अखाड़ा ने ममता कुलकर्णी को महामंडलेश्वर बनाया है. उन्होंने बताया कि ममता करीबन डेढ़ साल से किन्नर अखाड़े के टच में थी और इससे पहले वह जूना अखाड़ा के महामंडलेश्वर के साथ दीक्षित थी. जब उनके गुरु ब्रह्मलीन हो गए इसके बाद जब उन्हें दिशा नहीं मिल रही थी. तब दो-तीन महीने पहले ही उन्होंने किन्नर अखाड़े को बताया कि वह पूर्ण रूप से सनातन से जुड़ना चाहती है.
इसके बाद वह प्रयागराज में जब अखाड़े में आई तो उन्होंने कहा कि माता मुझे पद चाहिए और बोली कि मुझे महामंडलेश्वर की उपाधि दी जाए और इसके बाद किन्नर अखाड़े का जो वृंदावन का आश्रम है उसके आगे के प्रचार प्रसार के लिए वह काम करेंगी. उन्होंने बताया कि इसके बाद हम लोगों ने कई शर्ते रखी कि संन्यास लेना पड़ेगा, आपको पूर्ण रूप से अपनी दुनिया को छोड़कर हमारी दुनिया में रहना पड़ेगा. अगर कोई धार्मिक कैरेक्टर आपको मिलता है तो आप उसको कर सकती हैं क्योंकि किसी भी कलाकार को कलाकारी करने से हम नहीं रोक लगायेंगे. उन्होंने कहा कि जो भी सनातन के ध्वज में आएगा हम उसको आगे लेकर चलने का प्रयास करेंगे. आचार्य लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी ने बताया कि इसके बाद वह पूर्ण रूप से सनातन में शरणागत होकर आई है. कहा कि जो बच्चा हमारा सनातनी हैं वह सनातन धर्म में आया है हम किन्नर अखाड़ा उसको ज़रूर अपनायेंगे.
2014 में ममता कुलकर्णी का नाम ड्रग केस में आया था
आपको बता दे की 2014 में ममता कुलकर्णी का नाम ड्रग केस में आया था. इसके बाद वह जेल भी गई थी लेकिन बाद में उन्हें जमानत मिल गई थी. इसके बाद लंबे समय तक वह विदेश में भी रही थी.कई विवादों में उनका नाम सामने आया था. ऐसे में जब ममता कुलकर्णी को महामंडलेश्वर की उपाधि दी गई तो कई लोगों ने इस पर सवाल भी खड़ा किया है. लोगों का कहना है की जो गुरु कहलाने के लायक नहीं है उसे गुरु बनाया जा रहा है.
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