काशी विश्वनाथ धाम में महाशिवरात्रि पर महाकुंभ जैसी भव्यता, 26 फरवरी को होगा ऐतिहासिक आयोजन - Newztezz

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Tuesday, February 25, 2025

काशी विश्वनाथ धाम में महाशिवरात्रि पर महाकुंभ जैसी भव्यता, 26 फरवरी को होगा ऐतिहासिक आयोजन

 


26 फरवरी को महाशिवरात्रि के अवसर पर काशी विश्वनाथ धाम में महाकुंभ की तरह श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ने की संभावना है। मंदिर प्रशासन ने महाशिवरात्रि के दौरान बेहतर व्यवस्था के लिए अपनी तैयारी लगभग पूरी कर ली है। इस बार महाकुंभ से आने वाले साधु और नागा संतों के प्रवेश को ध्यान में रखते हुए 25 से 27 फरवरी तक प्रोटोकॉल दर्शन पर रोक लगाने का फैसला लिया गया है। श्रद्धालुओं से अपील की गई है कि वे महाशिवरात्रि के दिन धैर्य के साथ दर्शन करने आएं और पर्याप्त समय व खानपान का ध्यान रखें।

काशी विश्वनाथ मंदिर के मुख्य कार्यपालक अधिकारी, विश्व भूषण मिश्रा ने एबीपी न्यूज से बातचीत में बताया कि इस बार महाशिवरात्रि पर काशी विश्वनाथ मंदिर में करीब 15 लाख श्रद्धालुओं के दर्शन के लिए आने की संभावना है। इसी बीच, महाशिवरात्रि के दिन महाकुंभ से आने वाले संतों और नागा साधुओं का मंदिर में प्रवेश होगा। भारी भीड़ और श्रद्धालुओं की सुविधाओं को ध्यान में रखते हुए 25-27 फरवरी तक प्रोटोकॉल दर्शन को पूरी तरह से बंद रखने का निर्णय लिया गया है।

इसके अलावा, मंदिर परिसर में साधु नागा संतों के दर्शन के दौरान आम श्रद्धालुओं के लिए 5-6 घंटे तक मंदिर में प्रवेश वर्जित रहेगा। श्रद्धालुओं को इस दौरान लंबी कतार में खड़ा होकर 16 से 18 घंटे या उससे अधिक समय तक दर्शन करने में लग सकता है। ऐसे में काशी विश्वनाथ मंदिर में दर्शन के लिए आने से पहले श्रद्धालुओं को समय का ध्यान रखते हुए मंदिर पहुंचने की सलाह दी गई है।

मंदिर परिसर में महाशिवरात्रि के मौके पर भव्य सजावट की गई है और सभी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। इसके अलावा, मंदिर प्रशासन ने सुरक्षा व्यवस्था को भी सख्त किया है। दर्शन करने आने वाले श्रद्धालुओं के लिए पुलिस बल, ड्रोन्स, और सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं ताकि किसी भी प्रकार की अव्यवस्था न हो। इसके साथ ही, श्रद्धालुओं को सोशल डिस्टेंसिंग और स्वास्थ्य सुरक्षा के उपायों का पालन करने की सलाह दी जा रही है।

विशेष रूप से इस बार, महाशिवरात्रि के दिन काशी विश्वनाथ धाम में धार्मिक अनुष्ठान, भव्य शोभायात्रा और रात्रि के समय शिवलिंग का जलाभिषेक भी आयोजित किया जाएगा। जिससे यहां का वातावरण पूरी तरह से धार्मिक और उत्सवमयी हो जाएगा। श्रद्धालुओं को इस अनोखी भव्यता और दिव्यता का अनुभव मिलेगा।

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