गलत तरीके से मंईयां सम्मान योजना का लाभ लेनेवाले 876 लोग चिह्नित, सभी से होगी राशि की वसूली, जानें कहां का है मामला - Newztezz

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Saturday, February 8, 2025

गलत तरीके से मंईयां सम्मान योजना का लाभ लेनेवाले 876 लोग चिह्नित, सभी से होगी राशि की वसूली, जानें कहां का है मामला

 


सरकार की सख्ती के बाद जिला प्रशासन ने गलत तरीके से मंईयां सम्मान योजना का लाभ लेनेवाले लाभुकों को चिह्नित करना शुरू कर दिया है. इस दौरान सबसे पहले हजारीबाग जिले में इस तरह के 876 लोगों का चयन किया है, जो गलत तरीके से मंईयां सम्मान योजना का लाभ ले रहे थे. ऐसे में इन सभी से अबतक भुगतान की गई राशि की सूद समेत वसूली की जाएगी. 

⁠हजारीबाग जिले में तीन पुरुष भी मंईया सम्मान योजना का लाभ लेते पकड़े गए हैं

आपको बता दें कि राज्यभर में ऐसे फर्जी लाभुकों से राशि वसूली की कवायद विभागीय स्तर पर तेज कर दी गई है. सामाजिक सुरक्षा कोषांग हजारीबाग और प्रखंड प्रशासन की ओर से की गई गहन जांच के दौरान फर्जी लाभुकों की सूची तैयार की गई है. इस दौरान इचाक प्रखंड के दरिया पंचायत में सबसे अधिक फर्जी लाभुक पाए गए हैं. अधिकारियों का कहना है कि फर्जी लाभुकों की संख्या अभी और बढ़ सकती है. अधिकारियों का कहना है कि जिले के किसी भी प्रखंड का कोई भी पंचायत इससे अछूता नहीं है. जांच के दौरान इस बात का भी खुलासा हुआ कि दो-तीन पुरुष अभ्यर्थी मंईयां सम्मान योजना का लाभ ले रहे हैं. ऐसे लोगों को विशेष तौर पर चिन्हित किया गया है. ऐसे लोगों के खिलाफ अलग से कानूनी कार्रवाई की जाएगी.

राशि की वापसी नहीं करने पर विभागीय कार्रवाई करते हुए राशि की वसूली की जाएगी

अधिकारियों ने बताया कि पत्र निर्गत से 15 दिनों के अंदर क्षेत्र की आंगनबाड़ी सेविका, पंचायत सचिव समेत अन्य लोग घर-घर जाकर लाभुकों का सत्यापन कर विभाग को सूची सौंपेंगे. इस दौरान फर्जी लाभुकों को राशि की वसूली का निर्देश देंगे. सभी को 15 दिनों का समय दिया गया है. इस दौरान राशि की वापसी नहीं करने पर उनके खिलाफ विभागीय कार्रवाई करते हुए राशि की वसूली की जाएगी. बता दें कि लाभुकों के चयन में आंगनबाड़ी सेविका, पंचायत सचिव, वार्ड सदस्य और मुखिया से सत्यापन कराया गया था. इसके बाद भी इतनी बड़ी संख्या में फर्जी लाभुकों द्वारा गलत ढंग से सरकारी योजना का लाभ लेना  पंचायत प्रतिनिधियों और प्रखंड कर्मियों की लापरवाही को दर्शाता है. ऐसे में जरूरत पड़ी तो पंचायत प्रतिनिधियों और कर्मियों पर भी गाज गिर सकती है

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