Stock Market : भारतीय शेयर बाजार में विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (FPI) की बिकवाली का सिलसिला फरवरी 2025 में भी जारी है। फरवरी के पहले दो सप्ताह में, FPI ने भारतीय शेयर बाजारों से 21,272 करोड़ रुपये की निकासी की है, जिससे इस वर्ष की कुल निकासी लगभग 99,299 करोड़ रुपये तक पहुंच गई है। ट्रंप के सत्ता संभालने के बाद से ही निवेशकों में अनिश्चिता की भावना पैदा होने और आयात पर नए शुल्क लगाए जाने के कारण विदेशी निवेशकों ने शेयर मार्केट से निकासी का रास्ता चुना है।
बिकवाली के पीछे वैश्विक और घरेलू कारकों का मिश्रण
इस बिकवाली के पीछे प्रमुख कारण वैश्विक और घरेलू कारकों का मिश्रण है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा इस्पात और एल्युमीनियम आयात पर नए शुल्क लगाए जाने से वैश्विक व्यापार में तनाव बढ़ा है, जिससे निवेशकों में अनिश्चितता की भावना पैदा हुई है। घरेलू मोर्चे पर, कंपनियों के उम्मीद से कमतर तिमाही नतीजों और डॉलर के मुकाबले रुपये में गिरावट ने भी भारतीय संपत्तियों के आकर्षण को कम किया है। विशेषज्ञों का मानना है कि डॉलर सूचकांक में गिरावट आने पर एफपीआई की रणनीति में बदलाव संभव है, जिससे भारतीय बाजारों में स्थिरता लौट सकती है।
शेयर बाजारों में कमजोरी के कारण रुपया कमजोर हुआ
इस बीच, भारतीय रुपया भी दबाव में है। शुक्रवार को, आयातकों की डॉलर मांग और स्थानीय शेयर बाजारों में कमजोरी के कारण रुपया कमजोर हुआ, हालांकि सप्ताहिक आधार पर यह 0.1% की मामूली बढ़त पर रहा। रुपये में हो रही लगातार गिरावट के कारण भी शेयर बाजार में बिकवाली का दवाब बढ़ा है। हालांकि भारतीय रुपया डॉलर के सामने लगातार डटकर खड़ा हुआ है। इतना बिकवाली के दवाब के बावजूद रुपया अपना स्टैण्ड बनाए हुए है।
भारतीय शेयर बाजार में बनी हुई है अस्थिरता
कुल मिलाकर, विदेशी निवेशकों की लगातार बिकवाली और वैश्विक आर्थिक अनिश्चितताओं के चलते भारतीय शेयर बाजार में अस्थिरता बनी हुई है। निवेशकों को सलाह दी जाती है कि वे सतर्क रहें और बाजार की गतिशीलता पर करीबी नजर रखें। अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की आएदिन की जा रही घोषणाओं से भी बाजार में अनिश्चितता का माहौल बना हुआ है। इस प्रमुख कारण से भी विदेशी निवेशक लगातार बिकवाली कर रहे हैं।
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