अमेरिका नहीं, रूस भारत का सबसे विश्वसनीय मित्र: लावरोव और जयशंकर की मुलाकात चर्चा में - Newztezz

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Friday, February 21, 2025

अमेरिका नहीं, रूस भारत का सबसे विश्वसनीय मित्र: लावरोव और जयशंकर की मुलाकात चर्चा में

 


Politics :  प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा अमेरिका के कई दौरे करने और भारत-अमेरिका साझेदारी को मजबूत करने के प्रयासों के बावजूद, भारत की प्राथमिकता मित्रता के दृष्टिकोण से रूस ही बनी हुई है। भले ही भारत भविष्य में अमेरिका से हथियार खरीदने की योजना बना रहा हो, लेकिन रूस के साथ भारत के गहरे रिश्ते को नकारा नहीं जा सकता।

हाल ही में विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ अमेरिका की यात्रा पर थे, जहाँ उन्होंने कई उच्च स्तरीय बैठकों में भाग लिया। अमेरिका से लौटने के कुछ ही दिनों बाद, उन्होंने एक और महत्वपूर्ण मुलाकात की, जो अब वैश्विक चर्चा का विषय बन गई है। दक्षिण अफ्रीका के जोहान्सबर्ग में आयोजित जी-20 सम्मेलन में भारत और रूस के विदेश मंत्रियों की बैठक ने विशेष ध्यान आकर्षित किया है। इस बैठक की एक तस्वीर सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है, जिसमें रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव, जयशंकर के कॉलर को छूते हुए नजर आ रहे हैं। बॉडी लैंग्वेज यह संकेत देती है कि यह औपचारिक बैठक से अधिक एक अनौपचारिक और घनिष्ठ संवाद था।

रूस-भारत संबंधों पर प्रमुख चर्चा

अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो से यूक्रेन में युद्ध समाप्ति पर चर्चा करने के लिए रियाद में हुई बैठक के दो दिन बाद, रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव ने जयशंकर से मुलाकात की। इस दौरान उन्होंने रियाद में हुई बैठक सहित “यूक्रेन संघर्ष से जुड़े घटनाक्रमों” पर विस्तार से चर्चा की और संपर्क बनाए रखने पर सहमति व्यक्त की। यह बैठक जोहान्सबर्ग में आयोजित जी-20 मंत्रिस्तरीय बैठक के इतर हुई थी।

जयशंकर ने बाद में सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ (पूर्व में ट्विटर) पर पोस्ट करते हुए बताया कि उन्होंने भारत-रूस द्विपक्षीय सहयोग की निरंतर प्रगति की समीक्षा की और हालिया वैश्विक घटनाओं पर विस्तृत चर्चा की। रूस के विदेश मंत्रालय ने भी पुष्टि की कि दोनों मंत्रियों ने जोहान्सबर्ग में इस मुद्दे पर विचार-विमर्श किया।

भारत की भूमिका और यूक्रेन संकट पर रुख

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 15 फरवरी को व्हाइट हाउस में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से मुलाकात की थी और इस दौरान उन्होंने स्पष्ट किया था कि भारत रूस-यूक्रेन युद्ध में शांति का समर्थक है। इसी संदर्भ में, विदेश मंत्री जयशंकर ने म्यूनिख में यूक्रेन के विदेश मंत्री एंड्री सिबिहा से भी मुलाकात की, जिसमें दोनों देशों ने संघर्ष समाधान के प्रयासों पर चर्चा की।

सिबिहा ने इस मुलाकात के महत्व को रेखांकित करते हुए भारत के साथ व्यापार, प्रौद्योगिकी, कृषि, सुरक्षा और अन्य क्षेत्रों में सहयोग को बढ़ाने की इच्छा जताई। साथ ही, उन्होंने अंतरराष्ट्रीय मंच पर शांति प्रयासों में भारत की मजबूत भूमिका की सराहना की।

भारत-रूस संबंधों की अनवरत प्रगति

भारत और रूस के बीच ऐतिहासिक रूप से घनिष्ठ संबंध रहे हैं और यह संबंध केवल सैन्य सहयोग तक सीमित नहीं हैं, बल्कि ऊर्जा, व्यापार, अंतरिक्ष और रणनीतिक साझेदारी जैसे विभिन्न क्षेत्रों तक फैले हुए हैं। हालिया बैठकें इस बात की पुष्टि करती हैं कि भले ही वैश्विक भू-राजनीतिक परिस्थितियाँ बदल रही हों, भारत और रूस की मित्रता स्थिर और सुदृढ़ बनी हुई है। Politics :

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