Asaram Bapu : नाबालिग से दुष्कर्म के मामले में आजीवन कारावास की सजा काट रहे आसाराम बापू को हाल ही में चिकित्सा आधार पर सुप्रीम कोर्ट से 31 मार्च 2025 तक अंतरिम जमानत मिली है। जमानत की शर्तों के अनुसार, उन्हें अपने अनुयायियों से मिलने और किसी भी प्रकार के प्रवचन देने पर प्रतिबंध है। इससे पहले भी आसाराम को स्वास्थ्य आधार पर सशर्त जमानत मिलती रही है। एक समय विख्यात बाद में दुष्कर्म मामले में कुख्यात होने पर उन्हें जेल की हवा खानी पड़ी।
जमानत मिलने पर शर्तोंं को नहीं मानते हैं आसाराम
हालांकि, जमानत मिलने के बाद आसाराम बापू के अपने अनुयायियों से मिलने और प्रवचन देने के आरोप सामने आए हैं। कुछ रिपोर्टों के अनुसार, वे पालनपुर, गुजरात में एक सत्संग में शामिल हुए, जहां पुलिस के पहुंचने से पहले ही वे वहां से निकल गए थे। इसके अलावा, जोधपुर के पाल गांव स्थित अपने आश्रम में लौटने पर उनके समर्थकों ने उनका भव्य स्वागत किया, जिसमें उनकी आरती उतारी गई और फूल बरसाए गए। इन घटनाओं के बाद, आसाराम बापू पर कोर्ट की शर्तों का उल्लंघन करने के आरोप लग रहे हैं।
आसाराम और उनके अनुयायियों को भी कानून का सम्मान करना चाहिए
यह मामला न्यायिक प्रक्रिया और कानून के पालन की गंभीरता को दर्शाता है। आसाराम बापू के अनुयायियों को भी कानून का सम्मान करना चाहिए और न्यायिक आदेशों का पालन सुनिश्चित करना चाहिए। अन्यथा यदि ये आरोप सत्य साबित होते हैं, तो उनकी जमानत रद हो सकती है और उन्हें फिर से जेल भेजा जा सकता है। पहले भी सशर्त जमानत मिलने पर उन्होंने शर्तो का उल्लंघन किया था। इस मामले में न वो मान रहे ना ही उनके अनुयायी मान रहे हैं। अगर कोर्ट गंभीर हुआ तो उनका जमानत रद भी हो सकता है।