Indian Immigrants: अमेरिका से निर्वासित किए गए भारतीय नागरिकों पर बवाल के बीच राज्यसभा में विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने बयान दिया है। देश मंत्री ने कहा कि अवैध प्रवासी वहां अमानवीय हालात में फंसे थे। अवैध प्रवासियों को वापस लेना ही था। दरअसल, आज सदन की कार्यवाही आरंभ होने पर विपक्षी सदस्यों ने इस विषय को उठाने का प्रयास किया, लेकिन लोकसभा में चर्चा नहीं हो पाई। वहीं, कांग्रेस सदस्य शशि थरूर ने इस मुद्दो को लेकर कहा था कि उनके पास हर कानूनी अधिकार है, लेकिन वे इसे इस तरह से नहीं कर सकते। अब इस मामले पर विदेश मंत्री एस जयशंकर ने राज्यसभा में जवाब दिया है। उन्होंने कहा कि अमेरिकी नियमों के मुताबिक कार्रवाई हुई। हर साल अवैध प्राविसयों को अमेरिका भारत वापस भेजती है।
विदेश मंत्री ने राज्यसभा में दिया जवाब
विदेश मंत्री ने कहा कि लीगल माइग्रेशन को सपोर्ट करना और इलीगल माइग्रेशन को हतोत्साहित करना हमारे सामूहिक हित में है। यदि कोई नागरिक विदेश में अवैध रूप से रह रहा पाया जाता है तो उसे वापस बुलाना सभी देशों का दायित्व है। निर्वासन की प्रक्रिया कोई नई नहीं है। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने आगे कहा कि हर देश में में राष्ट्रीयता की जांच होती है। 2012 से ही मिलिट्री प्लेन से भेजने का नियम लागू है। इसे लेकर कोई भेदभाव नहीं होता है। अवैध प्रवासी फंसे हुए थे, उन्हें वापस लेकर आना ही था। हम लगातार अमेरिकी सरकार से संपर्क में हैं ताकि भारतीयों के साथ किसी तरह का अमानवीय बर्ताव ना हो सके।
जयशंकर ने अमेरिका से अब तक भारत निर्वासित किए गए लोगों के आंकड़े भी सदन के सामने रखे। उन्होंने कहा कि साल 2009 में 734, साल 2010 में 799, साल 2011 में 597, साल 2012 में 530 भारतीयों को निर्वासित किया गया। उन्होंने इस संबंध में 2024 तक के आंकड़े साझा किए।
104 नागरिकों की पहली खेल पहुंची भारत
बता दें कि 104 निर्वासित लोगों में से 30 पंजाब से, 33-33 हरियाणा और गुजरात से, तीन-तीन महाराष्ट्र और उत्तर प्रदेश से तथा दो चंडीगढ़ से हैं। निर्वासित किए गए लोगों में 19 महिलाएं और चार वर्षीय एक लड़का, पांच व सात वर्षीय दो लड़कियों सहित 13 नाबालिग शामिल हैं।
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