Shiv Navratri 2025: महाकाल की नगरी उज्जैन में सोमवार (17 फरवरी) से नौ दिन तक चलने वाली शिवनवरात्रि की शुरूआत हो गई है। इस बार यह पर्व 10 दिनों तक मनाया जाएगा। महाशिवरात्रि से 9 दिन पहले यानी 17 फरवरी से शुरू हो रहे उत्सव में श्री महाकालेश्वर मंदिर में भगवान महाकाल को दूल्हे के रूप में सजाया जाएगा। पूरे 9 दिन तक महादेव अलग-अलग रूपों में भक्तों को दर्शन देंगे।
30 साल बाद बना विशेष संयोग
इस बार शिवनवरात्रि 9 दिनों की बजाय 10 दिनों तक मनाई जाएगी। यह विशेष संयोग 30 साल बाद बना है। महाशिवरात्रि तक चलने वाले इस उत्सव के लिए महाकाल मंदिर को खास तौर पर सजाया गया है। मंदिर परिसर में नया रेड कारपेट बिछाया गया है। पूरे परिसर को दुल्हन की तरह सजाया गया है।
कृष्ण पंचमी से त्रयोदशी तक मनेगा उत्सव
ज्योतिर्लिंग महाकाल मंदिर की पूजन परंपरा के अनुसार, फाल्गुन कृष्ण पंचमी से त्रयोदशी तक शिवनवरात्रि उत्सव मनाया जाता है। इस बार यह उत्सव 17 फरवरी से शुरू हो गया है। कोटितीर्थ कुंड के पास स्थित श्री कोटेश्वर महादेव का अभिषेक और पूजन हुआ। गर्भगृह में बाबा महाकाल का पंचामृत अभिषेक और पूजन किया गया।
शिवनवरात्रि में बदलेगा आरती का समय
शिवनवरात्रि के दौरान अभिषेक और पूजन के विशेष अनुक्रम के कारण श्री महाकालेश्वर मंदिर में भोग आरती और संध्या पूजन का समय बदल जाएगा। आमतौर पर मंदिर में सुबह 10 बजे भोग आरती और शाम 5 बजे संध्या पूजन होता है। शिवनवरात्रि के नौवें दिन दोपहर 1 बजे भोग आरती और दोपहर 3 बजे संध्या पूजन होगी।
9 दिन तक महाकाल का विशेष शृंगार
शिवनवरात्रि के पहले दिन महाकाल को दूल्हे के रूप में सजाया गया और उनका चंदन शृंगार किया गया। दूसरे दिन शेषनाग शृंगार, तीसरे दिन घटाटोप शृंगार, चौथे दिन छबीना शृंगार, पांचवें दिन होल्कर रूप शृंगार, छठे दिन मनमहेश शृंगार, सातवें दिन उमा महेश शृंगार, आठवें दिन शिवतांडव शृंगार और नौवें दिन सप्तधान शृंगार किया जाएगा।
महाशिवरात्रि पर विशेष पूजन और अभिषेक
महाशिवरात्रि के दिन भगवान महाकाल का दिनभर जलधारा से अभिषेक किया जाएगा और रातभर विशेष पूजन व अभिषेक होगा। अगले दिन 27 फरवरी को सुबह भगवान के सप्तधान्य शृंगार और सेहरे के दर्शन होंगे। दोपहर 12 बजे भस्मार्ती होगी। इस दौरान मंदिर के पट 44 घंटे तक खुले रहेंगे।
27 फरवरी को महाशिवरात्रि उत्सव का समापन होगा। यह साल का एकमात्र मौका होता है जब दोपहर में महाकाल की भस्म आरती होती है। इस दिन 3 क्विंटल फूलों से बना बाबा महाकाल का सेहरा भक्तों के बीच बांटा जाएगा। मान्यता है कि बाबा के सेहरे के धान और फूल रखने से घर में हमेशा धन-धान्य की वृद्धि होती है।
44 घंटे तक खुले रहेंगे मंदिर के पट
महाशिवरात्रि पर्व के दौरान 26 फरवरी को दिनभर जलधारा से भगवान महाकाल का अभिषेक होगा और रातभर विशेष पूजन व अभिषेक किया जाएगा। 27 फरवरी को सुबह भगवान के सप्तधान्य शृंगार और सेहरे के दर्शन होंगे। इसके बाद दोपहर 12 बजे भस्मार्ती होगी। इस दौरान मंदिर के पट करीब 44 घंटे तक खुले रहेंगे।
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