बॉम्बे उच्च न्यायालय ने गुरुवार को एक व्यक्ति पर एक लाख रुपये का जुर्माना लगाया, जो अदालती कार्यवाही की ऑडियो रिकॉर्डिंग करता पाया गया।
न्यायमूर्ति ए.एस.गडकरी और न्यायमूर्ति कमल खता की पीठ एक संपत्ति विवाद याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जब अदालत के कर्मचारियों ने एक व्यक्ति को कार्यवाही का वीडियो बनाते हुए देखा।
अदालत के कर्मचारियों ने नवी मुंबई निवासी साजिद अब्दुल जब्बार पटेल से पूछताछ की, जो दलीलें रिकॉर्ड कर रहे थे।
पटेल ने कोर्ट स्टाफ को बताया कि वह कुछ प्रतिवादियों का रिश्तेदार है। इसके बाद कोर्ट ने प्रतिवादियों की ओर से पेश हुए वकील हितेन वेनेगांवकर से बात की।
पूछताछ करने पर अदालत के कर्मचारियों को बताया गया कि पटेल को ऑडियो रिकॉर्ड करने की अनुमति नहीं दी गई थी।
इसके बाद, उसका मोबाइल फोन जब्त कर लिया गया और अदालत की रजिस्ट्री को सौंप दिया गया।
वेनेगांवकर ने माना कि पटेल को अदालती कार्यवाही रिकॉर्ड करने की कोई अनुमति नहीं दी गई थी।
पीठ ने अपने आदेश में कहा, "उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा कि उक्त व्यक्ति के कृत्य को उचित नहीं ठहराया जा सकता। हालांकि, उन्होंने इस अदालत से अनुरोध किया कि उनके प्रति नरमी बरती जाए, क्योंकि यह उनका पहला कृत्य है और इसलिए उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई नहीं की जाए।"
पटेल ने अदालत को बताया कि अपने कदाचार के लिए वह तीन दिन के भीतर मुंबई स्थित उच्च न्यायालय कर्मचारी चिकित्सा कल्याण कोष में 1,00,000 रुपये का भुगतान करेंगे।
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