Russia-Ukraine War: तीन साल से चल रहे रूस-यूक्रेन युद्ध(Russia-Ukraine War) में शांति की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया गया है। रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने यूक्रेन के ऊर्जा संयंत्रों पर हमले रोकने के लिए 30 दिनों की अवधि के लिए सहमति दी है। यह निर्णय मंगलवार को अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के साथ एक घंटे से अधिक समय तक चली फोन पर वार्ता के बाद लिया गया। दोनों देशों के बीच इस समझौते से संघर्ष विराम की संभावना प्रकट हुई है, जिससे युद्ध की समाप्ति की दिशा में एक कदम बढ़ाया गया है।
संघर्ष विराम पर रूस और अमेरिका की सहमति
रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के बीच हुई बातचीत में ऊर्जा संयंत्रों पर हमला रोकने के लिए 30 दिनों के युद्ध विराम पर सहमति बनी। ट्रंप ने इसे शांति की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम बताया। पुतिन ने इस दौरान कहा कि रूस और यूक्रेन के बीच लड़ाई(Russia-Ukraine War) के पूरी तरह से समाप्त होने के लिए शांति वार्ता की शुरुआत की जाएगी। हालांकि, पुतिन ने यह स्पष्ट किया कि युद्ध विराम तब तक स्थायी नहीं हो सकता जब तक यूक्रेन को विदेशी सैन्य सहायता और खुफिया जानकारी मिलती रहेगी। उन्होंने यूक्रेन से अपनी नाटो में शामिल होने की महत्वाकांक्षा छोड़ने की भी बात की।
रूस और यूक्रेन(Russia-Ukraine War) के युद्धबंदियों की रिहाई
पुतिन और ट्रंप ने इस पर भी सहमति जताई कि रूस और यूक्रेन एक दूसरे के 175-175 युद्धबंदियों को रिहा करेंगे। इसके अलावा, पुतिन ने यूक्रेन के 23 गंभीर रूप से घायल सैनिकों को कीव को सौंपने का वादा किया। यह कदम दोनों देशों के बीच विश्वास बहाली के रूप में देखा जा रहा है। इस युद्धबंदी के बाद, दोनों नेताओं ने पूर्ण संघर्ष विराम समझौते की दिशा में शांति वार्ता शुरू करने की योजना बनाई।
यूक्रेन की संप्रभुता पर सवाल
हालांकि, यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की ने इस समझौते का विरोध करते हुए कहा कि यूक्रेन की संप्रभुता पर कोई समझौता नहीं हो सकता। जेलेंस्की ने साफ तौर पर कहा कि रूस को अपने कब्जे वाले क्षेत्रों को वापस करना होगा और यूक्रेन की स्वतंत्रता को खतरे में डालने वाली कोई भी शर्त स्वीकार नहीं की जाएगी। उन्होंने यह भी कहा कि यूरोप को यूक्रेन शांति वार्ता में शामिल किया जाना चाहिए, क्योंकि यूरोपीय सुरक्षा से जुड़े मुद्दों पर यूरोप का दृष्टिकोण भी अहम है।
आगे की दिशा
पुतिन और ट्रंप के बीच हुए इस समझौते से शांति की दिशा में उम्मीदें जागी हैं। रूस और अमेरिका अब पूर्ण संघर्ष विराम समझौते पर शांति वार्ता के लिए विशेषज्ञ समूह स्थापित करेंगे। दोनों देशों ने काला सागर में समुद्री युद्ध विराम की वार्ता शुरू करने पर भी सहमति जताई। साथ ही, पश्चिम एशिया मुद्दे पर भी जल्द बातचीत शुरू करने की योजना बनाई गई है। इस समझौते को अंतरराष्ट्रीय सहयोग की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम माना जा रहा है।
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