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Monday, March 10, 2025

86 प्रतिशत वोट पाकर कार्नी कनाडा के अगले प्रधानमंत्री बनने जा रहे हैं

 


Mark Carney: जस्टिन ट्रूडो का जल्द ही अपनी प्रधानमंत्री की कुर्सी छोडनी पड़ेगी क्योंकि कनाडा का जल्द ही अपना नया प्रधानमंत्री मिलने वाला है। कनाडा में हुए चुनावो मे करीब 1 लाख 52 हजार लिबरल पार्टी के सदस्यों ने मतदान दिया। जिसमे बहुमत वोट कार्नी को मिले है।  बता दें की  मार्क कार्नी (Mark Carney) को 86 फीसदी वोट पड़े है और दूसरे स्थान पर पूर्व वित्त मंत्री क्रिस्ट्रिया फ्रीलैंड रही।

मार्क कार्नी(Mark Carney) बनने जा रहे कनाडा के प्रधानमंत्री

कनाडा को जल्द ही अपना नया प्रधानमंत्री मिलने वाला है। 59 साल के मार्क कार्नी ने अपनी जीत दर्ज करा ली है। अब वह जस्टिन ट्रूडो की जगह कनाडा की कमान संभालेंगे। खास बात तो यह है की कनाडा को ऐसे समय मे नया प्रधानमंत्री मिल रहा है जब अमेरिका के साथ ट्रेड वॉर चल रहा है। साथ ही भारत के साथ भी उसके तनावपूर्ण रिश्ते बने हुए है। जस्टिन ट्रूडों अपना पद छोड़ने का ऐलान जनवरी में ही कर दिया था। रविवार को हुए चुनाव में 1 लाख 53 हजार सदस्यों ने मतदान करा जिसमें करीब 86 फीसदी मार्क कार्नी को मिले। मार्क कार्नी के पीछे दुसरे स्थान पर क्रिस्ट्रिया फ्रीलैंड रहीं। ट्रडो के पद छोडनें का कारण यह चुनाव सत्तारूढ़ दल को कराना पड़ा और इसी के साथ जस्टिन ट्रूडो का 9 साल का कार्यकाल खत्म हुआ।

कौन है मार्क कार्नी (Mark Carney)

मार्क कार्नी (Mark Carney) पूर्व सेंट्रल बौंक गवर्नर है, उनका जन्म साल 1965 में फोर्ट स्मिथ में हुआ था। बता हें कि वे कभी निर्वाचित नहीं हुए थे। उन्होनें हार्वरड से अपनी शिक्षा प्राप्त की है और उसके बाद उन्होनें 13 साल गोल्डमैन सैक्स में काम किया है। साल 2003 में वे बैंक ऑफ कनाडा के डिप्टी जर्नल बने उसके बाद 2004 में उन्हें वित्त मंत्रालय में जिम्मेदारी दी गई 2008 में वे फिर गवर्नल जर्नल बनें। 2008-2009 में कार्नी ने आर्थिक संकच में बैंक की अगुवाई फिर से की थी।उसके बाद साल 2103 में वह बैंक ऑफ इंगलैंड के पहले गैर ब्रिटिश गवर्नर बनें। 2020 में बैंक छोड़ने के बाद  वह वित्त और जलवायु परिवर्तन के संयुक्त राष्ट्र के राजदूत बनें।

राजनीतिक रूप से नौसिखिए माने जाने वाले कार्नी का कहना है कि पार्टी को फिर से तैयार और अमेरिका के साथ जारी चर्चा के लिए वे सबसे उपयुक्त है। वहीं अमेरिका लगातार टैरिफ लगाने कि धमकी दे रहा है जिससे कनाडा कि अर्थव्यवस्था पर अच्छा-खासा असर पड़ सकता है। 

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