हमारे देश में जब बेटी की शादी की जाती है तो दहेज लेने और देने की कुप्रथा है जिसकी वजह से कई बार लोग अपनी बहू को जान से मार देते हैं, तो कई बार उनका जीवन नर्क से भी ज्यादा खराब कर देते हैं. जिसकी वजह से हमारे देश में बेटियों के जन्म पर लोगों को खुशी की जगह टेंशन हो जाता है. वही इसको लेकर सरकार की ओर से कई कानून बन गए तो वहीं कई तरह की जागरुक अभियान भी चलाये जाते है ताकि लोगों में और समाज में बदलाव हो, लेकिन आज भी कई लोग ऐसे हैं जो दहेज के लिए अपनी बहुओं को मार देते हैं.
दहेज मुक्त शादी बनी चर्चा की विषय
वहीं इसी समाज से कुछ प्रेरणा देनेवाली तस्वीरें भी सामने आती हैं, जो दिल को सुकून देती हैं. एक ऐसी खबर बिहार के पूर्णिया जिले से आयी है. जहां मधुबनी में शादी के थीम को पूरी तरह से दहेज मुक्ति रखा गया था. शादी में ना तो कोई दहेज लिया गया था ना ही किसी तरह का कोई लड़की वालों ने दबाव बनाया था.अब बिहार की ये शादी लोगों में चर्चा का विषय है.जो भी इस खबर को सुन रहा है वह इसकी सराहना कर रहा है.
शादी में दहेज मुक्त शादी और बेटी बचाओ बेटी बेटी पढ़ाओ का स्लोगन लगाया गया
दरअसल पूर्णिया के मधुबनी के शंभू केसरी और अर्चना केसरी की बेटी की शादी 25 फरवरी को धूमधाम से संपन्न हुई. इस शादी में कई तरह की खास बातें देखने को मिली. शंभू केसरी का कहना है कि उनकी शुरू से इच्छा थी कि दहेज मुक्त शादी करें. इसके लिए समाज में जल्दी लड़का तैयार नहीं हो रहा था, लेकिन शहर के ही थाना चौक के राम लखन केसरी ने अपने पुत्र इन्द्रजीत उर्फ मोनू की शादी दहेज मुक्त करने के लिए तैयार हुए. शादी समारोह में हर जगह दहेज मुक्त शादी और बेटी बचाओ बेटी बेटी पढ़ाओ का स्लोगन लगाया गया. इस दौरान बाराती को फलदार पौधा देकर सम्मानित किया गया और पर्यावरण बचाने का संदेश दिया गया.
डोली में सवार होकर सुसराल पहुंची दुल्हन
वहीं सबसे खास बात यह रही कि उन्होंने प्राचीन परंपरा को निभाते हुए बेटी भावना उर्फ शालू को डोली पर विदा किया इसके बाद सभी की आंखें नम हो गई. डोली में ही शालू अपने ससुराल थाना चौक पहुंची. जहां ससुराल वालों ने भी उनका विधि विधान के साथ स्वागत किया.वहीं दूल्हे के पिता राम लखन केसरी ने कहा कि उनकी शुरू से इच्छा थी कि बेटा मोनू की दहेज मुक्त शादी करेंगे, लेकिन जिस तरह प्राचीन परंपरा को निभाते हुए उनके समधी शंभू केसरी ने दुल्हन को पालकी सजाकर उसमें विदा किया यह इतिहास को एक बार फिर दोहराने जैसा था, उन्हें भी इसका काफी सुखद एहसास हुआ.सभी बराती और दूल्हा-दुल्हन भी काफी खुश हैं.
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