Indore Lathmar Holi 2025: इंदौर में इस बार बरसाना की तरह ही लट्ठ मार होली का भव्य आयोजन होगा। शहर में रंगपंचमी पर गेर निकालने की परंपरा वर्षों पुरानी है। इस वर्ष भी ये बड़े ही धूमधाम से मनाया जाएगा।
समारोह की तैयारियां लगभग पूरी हो चुकी है। वहीं दूसरी ओर लोगों को गेर में शामिल होने के लिए निमंत्रण भेजे जा रहे हैं। गेर टोरी कॉर्नर से शुरू होकर राजबाड़ा तक पहुंचेगी, जहां पर लोगों को इसका भव्य स्वरूप देखने के मिलेगा। गेर को देखने लाखों लोग दूर-दूर ले आते हैं। यहां पर विभिन्न संस्थाओं को अपनी-अपनी पारंपरिक गेर निकालने का मौके मिलता है।
समरसता गेर का 75वां वर्ष
इस बार सृजन संस्था अपनी 75वीं समरसता गेर निकालेगी। सृजन संस्था के अध्यक्ष कमलेश खंडेलवाल और संयोजक महेश दलोदरा हैं। उन्होने बताया कि इस साल गेर में प्रमुख आकर्षण बरसाना की लट्ठमार होली होगी। जिसे एक विशेष टीम प्रस्तुत करेगी। इस समारोह के मुख्य आकर्षण राधा-कृष्ण की जोड़ी रासलीला और बांके बिहारी का विशालकाय ढोल रहने वाला है।
200 फीट ऊंचाई से मिसाइल की तरह बरसेगा पानी
गेर में डीजे भी रहेगा जिसकी धुन पर युवा झूमते नजर आएंगे। श्रद्धालुओं को भिगाने के लिए 200 फिट की ऊंचाई से मिसाइल की तरह पानी बरसाया जाएगा। रंगपंचमी पर इस बार राजबाड़ा में 8,000 किलो टेसू के फूलों से बने गुलाल से तिरंगे की आकृति बनाई जाएगी।
समारोह में पृथ्वी मिसाइल की मदद से सुगंधित गुलाल उड़ाकर लोगों का स्वागत किया जाएगा। वहीं दूसरी ओर अग्नि मिसाइल गुलाब की पंखुड़ियां बरसाएगी।
मालवा की पगड़ी पहनाकर होगा स्वागत
गेर आयोजन की शुरुआत पुराने आयोजकों को सम्मानपूर्वक मालवा की पगड़ी पहना कर होगी। इस भव्य आयोजन में मुख्यमंत्री मोहन यादव, भाजपा नेता कैलाश विजयवर्गीय, संगठन मंत्री हितानंद शर्मा, विधायक रमेश मेंदोला, सांसद महेंद्र सिंह सोलंकी, सांसद शंकर लालवानी समेत शहर के अन्य अतिथि मौजूद रहेंगे। संत समाज भी इस आयोजन में आशीर्वाद देने पहुंचेगा।
सोशल मीडिया के जरिए भी दिया जा रहा है निमंत्रण
गेर के सही तरीके से आयोजन के लिए 25 समितियों के 500 कार्यकर्ताओं को जिम्मेदारी दी गई है। इसके साथ ही, लोगों से स्वच्छता बनाए रखने और त्योहार को सभ्य तरीके से मनाने की अपील की जा रही है।
इस ऐतिहासिक गेर को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाने की कोशिश भी की जा रही है। एक लाख से ज्यादा युवाओं को घर-घर, कोचिंग संस्थानों, कॉलेजों, व्यापारिक इलाकों और आसपास के गांवों में जाकर निमंत्रण दिया जा रहा है। इसके अलावा, सोशल मीडिया के जरिए भी ज्यादा से ज्यादा लोगों को जोड़ने की कोशिश की जा रही है।
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