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Saturday, March 1, 2025

आज से इन महत्वपूर्ण नियमों में होने जा रहा बदलाव, क्या होगा प्रभाव


Changes In Rules : 1 मार्च 2025 से, भारत में कई महत्वपूर्ण नियमों में बदलाव होने जा रहे हैं, जो आपकी वित्तीय स्थिति और दैनिक जीवन पर सीधा प्रभाव डाल सकते हैं। सबसे पहले जान लें कि एफडी पर ब्याज दरों मे बदलाव होगा, एलपीजी के दाम में होगा संशोधन व पेट्रोल डीजल की कीमतों में भी बदलाव होना है और साथ ही आयकर स्लैब में भी परिवर्तन होना है। नीचे प्रमुख परिवर्तनों का विस्तृत विवरण दिया गया है।

1. फिक्स्ड डिपॉजिट (एफडी) पर ब्याज दरों में बदलाव :

बैंक अपनी तरलता और वित्तीय आवश्यकताओं के आधार पर एफडी पर मिलने वाली ब्याज दरों में संशोधन करेंगे। इसका प्रभाव विशेष रूप से उन निवेशकों पर पड़ेगा जिन्होंने 5 वर्ष या उससे कम अवधि के लिए एफडी कराई है। ब्याज दरों में यह परिवर्तन आपके रिटर्न, टैक्सेशन, और निकासी प्रक्रियाओं को प्रभावित कर सकता है। यानि कम समय के लिए कराए गए एफ डी पर आपको नुकसान उठाना पड़ सकता है।

2. एलपीजी सिलेंडर की कीमतों में संशोधन :

तेल कंपनियां हर महीने की पहली तारीख को एलपीजी की कीमतों की समीक्षा करती हैं। इसलिए, 1 मार्च 2025 को एलपीजी सिलेंडर की कीमतों में बदलाव संभव है, जो सुबह से प्रभावी होगा। यह परिवर्तन आपके घरेलू बजट पर सीधा असर डाल सकता है। जैसा कि पिछले काफी समय से एलपीजी कंपनियां सिलेंडरों के दाम बढ़ाने की फिराक में लगी हुई थी, ऐसा लगता है कि अब वे इसमें इजाफा करने का मन बना चुकी हैं।

3. एयर टर्बाइन फ्यूल और पेट्रोल-डीजल की कीमतों में बदलाव :

तेल कंपनियां हर महीने की 1 तारीख को पेट्रोल-डीजल की कीमतों में संशोधन करती हैं। इसलिए, 1 मार्च 2025 से इन ईंधनों की कीमतों में परिवर्तन की संभावना है, जो परिवहन और यात्रा खर्चों को प्रभावित कर सकता है। पेट्रोल डीजल की कीमतों क भी बढ़ने की ही सभावना है। अगर इसका दाम बढ़ता है तो यह आम जनता की जेब पर सीधा हमला होगा। इसका प्रभाव भी आम जनता की बजट पर पड़ना स्वाभाविक ही है।

4. आयकर स्लैब में परिवर्तन :

सरकार ने मध्यम वर्ग के उपभोक्ताओं की क्रय शक्ति बढ़ाने के लिए आयकर स्लैब में महत्वपूर्ण बदलाव किए हैं। नए कर ढांचे के अनुसार, वार्षिक आय 12.8 लाख रुपये तक के व्यक्तियों को अब कोई कर नहीं देना होगा, जो पहले 7 लाख रुपये तक था। यह परिवर्तन केवल नई कर प्रणाली के तहत लागू होगा, जो 2020 में पेश की गई थी। इससे सरकार को वार्षिक लगभग 1 लाख करोड़ रुपये के राजस्व की हानि होगी, लेकिन उपभोग, बचत, और निवेश में वृद्धि की    उम्मीद है।

अपनी वित्तीय योजनाओं की समीक्षा करें

इन परिवर्तनों के मद्देनजर, यह सलाह दी जाती है कि आप अपनी वित्तीय योजनाओं की समीक्षा करें और आवश्यक समायोजन करें ताकि इन बदलावों का सकारात्मक लाभ उठा सकें। एक साथ इन चारों चीजों के दामों और स्लैब में परिवर्तन होने से आम जनता की रसोर्इं के बजट के साथ घर गृहस्थी का बजट भी प्रभावित होगा। आप कितना भी वित्तीय समायोजन या सतर्कता बरतें आप इस परिवर्तन से बिना प्रभावित हुए नहीं रह सकते हैं। 

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