Mahakal Mandir Holi Holika Dahan 2025: होली पर्व के दौरान उज्जैन स्थित महाकाल मंदिर में संध्या आरती के बाद होली जलाई जाएगी। इससे पहले मंदिर के पुजारी परंपरागत रूप से होली का पूजन करेंगे। हालांकि, इस बार पूजन और दहन के दौरान मंदिर परिसर में आम श्रद्धालुओं के प्रवेश पर प्रतिबंध रहेगा। मंदिर प्रशासन ने यह निर्णय सुरक्षा कारणों से लिया है।
शुद्ध हर्बल गुलाल की व्यवस्था
भगवान महाकाल को संध्या आरती में अर्पित करने के लिए मंदिर समिति ने शुद्ध हर्बल रंग और गुलाल की व्यवस्था की है। यह गुलाल सीमित मात्रा में उपलब्ध होगा। पिछले साल हुए हादसे को देखते हुए इस बार मंदिर परिसर में रंग-गुलाल उड़ाने पर सख्त प्रतिबंध रहेगा।
गत वर्ष होली पर्व के दौरान भस्म आरती में गुलाल से आग लगने की घटना हुई थी, जिसमें एक सेवक की मौत हो गई थी और कई पुजारी झुलस गए थे। इस घटना के बाद गुलाल में केमिकल मिले होने की आशंका जताई गई थी। इसको ध्यान में रखते हुए इस बार मंदिर प्रशासन ने सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए हैं।
जांच रिपोर्ट शासन को सौंपी गई
उज्जैन कलेक्टर नीरज कुमार सिंह ने बताया कि पिछले साल के हादसे की जांच रिपोर्ट शासन को सौंप दी गई है। हादसे को लगभग एक साल होने जा रहा है, लेकिन अभी तक इस मामले में कोई ठोस कार्रवाई सामने नहीं आई है।
मंदिर में सुरक्षा व्यवस्था
होली पर्व के मौके पर मंदिर में विशेष सुरक्षा व्यवस्था की गई है। कलेक्टर के निर्देश पर मंदिर समिति ने सुरक्षा और प्रबंधन को लेकर विशेष तैयारी की है। इस बार मंदिर के बाहर से कोई भी श्रद्धालु रंग-गुलाल अंदर नहीं ले जा सकेगा। मंदिर के सभी प्रवेश द्वारों पर सख्त चेकिंग की जाएगी।
भीड़ नियंत्रण और प्रवेश प्रबंधन
मंदिर परिसर में भीड़ जमा करने वाले किसी भी कार्यक्रम की अनुमति नहीं दी जाएगी। भस्म आरती में भी सीमित संख्या में ही श्रद्धालुओं को प्रवेश दिया जाएगा। मंदिर समिति ने हर्बल गुलाल की मात्रा 100 से 200 ग्राम तक सीमित रखी है, ताकि किसी भी तरह की अनहोनी को रोका जा सके।
कलेक्टर नीरज कुमार सिंह ने बताया कि पिछले साल की घटना को ध्यान में रखते हुए इस बार विशेष सतर्कता बरती जा रही है। मंदिर प्रशासन और स्थानीय प्रशासन मिलकर होली पर्व के दौरान सुरक्षा और व्यवस्था बनाए रखने के लिए पूरी तरह तैयार हैं।
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